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Corona: कोरोना प्रकोप के बीच सामने आईं उम्मीद की दो अहम खबरें, जो आपको जरूर जाननी चाहिए

Corona Pandemic: बता दें कि अगले 10 दिनों में विनकोव-19 का क्लीनिकल ट्रायल शुरू होने जा रहा है। इसकी मंजूरी मिलने से कोरोना से छिड़ी जंग में मददगार साबित होगी।

नई दिल्ली। देश में कोरोना के हालात ऐसे हो चुके हैं कि सारी दुनिया का ध्यान आजकल भारत की स्थिति पर है। बता दें कि भारत में कोरोना के रोजाना 3 लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सरकार की तरफ से समय-समय पर नई गाइडलाइंस जारी की जा रही हैं। जरूरी होने पर राज्यों द्वारा लॉक़डाउन या संपूर्ण लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं। फिलहाल इस समय भारत में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है। ऐसे संकट के बीच दो बड़ी राहत की खबरें सामने आईं हैं। बता दें कि पहली खबर कोरोना के खिलाफ अहम मानी जा रही एंटी वायरल दवा मोलनुपीरवीर के देश में उत्पादन और वितरण को लेकर है। गौरतलब है कि एमएसडी फार्मा ने 5 बड़ी भारतीय दवा निर्माता कंपनियों से उत्पादन और वितरण को लेकर समझौता कर लिया है। इससे कोरोना मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

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बता दें कि, मोलनुपीरवीर अपने तीसरे चरण के परीक्षण के दौर से गुजर रही है। वैज्ञानिक और दवा निर्माता कंपनियां इस दवा को लेकर काफी उत्साहित हैं। इससे उन्हें काफी उम्मीदें हैं। बताते चलें कि मर्क शार्प एंड डोमे दुनिया की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनियों में से एक है, और उसकी सब्सिडरी कंपनी एमएसडी फार्मा ने भारत में मोलनुपीरवीर के लिए सिप्ला, डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज, हेट्रो लैब्स, सन फार्मा और एमक्योर फार्मा से समझौता किया है।

इस डील के अनुसार मोलनुपीरवीर के उत्पादन और वितरण के अधिकार भारत में इन पांचों कंपनियों को दिए गए हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ मोलनुपीरवीर का इंतजार एक असरकारक दवा के रूप में किया जा रहा है। गौरतलब है कि यह टैबलेट के रूप में दी जाने वाली एंटी वायरल मेडिसिन है। इसका तीसरे चरण का ट्रायल कोरोना से संक्रमित मरीजों पर चल रहा है। मोलनुपीरवीर का विकास रिजबेक बायोथेरेपेटिक्स के साथ मिलकर एमएसडी फार्मा ने किया है। समझौते के मुताबिक भारत के अलावा मोलनुपीरवीर का वितरण निम्न और मध्यम आयवर्ग के देशों में भी किया जाएगा।

वहीं दूसरी खबर पर गौर करें तो यह कोरोना वायरस पर एंटीबॉडीज के जरिए निर्णायक प्रहार करने वाली दवा विनकोव-19 के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी से जुड़ी है। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से देश में बने संकट के हालात के बीच ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने विनकोव-19 के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है। निष्क्रिय कोरोना वायरस घोड़ों के शरीर में डालकर उससे एंटीबॉडी विकसित करने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर हैदराबाद के सेंटर फॉर सेलुलर एंड मोलिक्यूलर बायोलॉजी सीसीएमबी और विन फार्मा कंपनी ने काम शुरू किया था। घोडों से तैयार हुई एंटीबॉडी को अब कोरोना पीड़ित मरीजों को दिया जाएगा।

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बता दें कि अगले 10 दिनों में विनकोव-19 का क्लीनिकल ट्रायल शुरू होने जा रहा है। इसकी मंजूरी मिलने से कोरोना से छिड़ी जंग में मददगार साबित होगी। इसके ट्रायल के लिए देश के 5 अस्पतालों को चयनित किया गया है। एक-एक अस्पताल उत्तर, दक्षिण और पश्चिम भारत का होगा, जबकि पूर्वी भारत के 2 अस्पतालों में विनकोव-19 के डोज मरीजों को दिए जाएंगे। विनकोव-19 के दो दिनों में 2 डोज कोरोना से पीड़ित मरीजों को दिए जाने हैं। प्रत्येक डोज में 3 एमएल दवा होगी, जिसे आईवी फ्लूड के जरिए इंट्रावीनस इनफ्यूज किया जाएगा। दो डोज देने के बाद मरीजों का RTPCR टेस्ट किया जाएगा, जिससे पता चल सकेगा कि मरीज के शरीर में मौजूद वायरल लोग के सीटी वैल्यू में कितनी गिरावट आई है।

गौरतलब है कि विनकोव-19 एक एंटीबॉडी डोज है, जो कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए शरीर को ताकत देगा और फिर शरीर के अंदर ऐसी एंटीबॉडी का निर्माण शुरू हो जाएगा, जो कोरोना वायरस का खात्मा कर देंगी। इसकी खास बात यह है कि घोड़ों के जरिए एंटीबॉडी निर्माण कर इंसानों में इस्तेमाल करने की विधि दशकों से अपनाई जाती रही है। सांप के जहर के असर को खत्म करने वाली दवा इसी विधि से तैयार की जाती है। प्राकृतिक विधि से तैयार होने वाली ऐसी दवा के इंसान पर दुष्प्रभाव की आशंका नगण्य होती है।