newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ के बारे में आई बड़ी खबर, 4 वार्ड पूरी तरह असुरक्षित, बाकी इलाकों पर भी खतरा!

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने मीडिया को जानकारी दी कि पिछले साल दिसंबर से जोशीमठ में भू धंसाव तेज हुआ। सती के मुताबिक इसी समय से मकानों में दरारों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई। अतुल सती के मुताबिक नवंबर 2022 में पहली बार एक मकान में दरार देखी गई थी।

जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव से तबाही का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक अब इस धार्मिक शहर के 849 मकानों में दरारें आ गई हैं। वहीं, उत्तराखंड के आपदा सचिव रंजीत सिन्हा का कहना है कि जोशीमठ के 4 वार्ड के इलाके बहुत खतरनाक हो चुके हैं। यहां आसपास बर्फबारी भी हो रही है। ऐसे में जोशीमठ में हालात काफी खराब होने की आशंका है। यहां दो होटलों मलारी इन और माउंट व्यू को तोड़ने का काम चल रहा है। अब तक जोशीमठ से दर्जनों परिवारों को सुरक्षित जगह ले जाकर रखा गया है।

उत्तराखंड के आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने मीडिया को बताया कि जोशीमठ में कुल 9 वार्ड हैं। इनमें से 4 वार्ड को पूरी तरह असुरक्षित माना गया है। बाकी के वार्ड भी काफी प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि जेपी कॉलोनी में 15 मकानों को पूरी तरह तोड़ने का फैसला हुआ है। राष्ट्रीय भू भौतिकी संस्थान की टीम जोशीमठ में भू धंसाव पर 3 हफ्ते में अंतिम रिपोर्ट दे देगी। आपदा सचिव ने बताया कि इसके बाद उसका अध्ययन कर सरकार आगे की रणनीति के तहत काम करेगी। तब तय होगा कि जोशीमठ में और कितने मकानों को गिराए जाने की जरूरत है।

joshimath

वहीं, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने मीडिया को जानकारी दी कि पिछले साल दिसंबर से जोशीमठ में भू धंसाव तेज हुआ। सती के मुताबिक इसी समय से मकानों में दरारों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई। अतुल सती के मुताबिक नवंबर 2022 में पहली बार एक मकान में दरार देखी गई थी। उस वक्त लोगों ने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया। बाद में लगातार मकानों में चौड़ी दरारें आने लगीं। फिर सड़कों पर भी गहरी दरारें दिखीं। उधर, चमोली जिले के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि जोशीमठ के विस्थापितों को फिलहाल अस्थायी जगह रखा जाएगा। इसके लिए राहत शिविर बनाए जा रहे हैं। इनमें करीब 2200 लोग रखे जा सकेंगे।