newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Birth Anniversary of APJ Abdul kalam: भारत के 11वें राष्ट्रपति और मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम की 91वीं जयंती आज,बचपन में स्टेशन पर अखबार फेंक कर किया गुजारा

Birth Anniversary of APJ Abdul kalam: कलाम की लोगों के दिलों में अलग ही जगह बनी हुई है। एक महान विचारक, लेखक और वैज्ञानिक के रूप में कार्य़रत थे। आज भले ही कलाम हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनका आदर्शों भरा जीवन हर एक देशवासी को जीवन में अग्रसर रहने और सफलता की सीढ़ियों पर निरंतर चलते रहने को प्रेरित करता रहता है।

नई दिल्ली। भारत के 11वें राष्ट्रपति और मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम की आज 91वीं जयंती हैं। इनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् में एक साधारण परिवार में हुआ था। कलाम के पिता का नाम जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम और माता का नाम आशिमा जैनुलाब्दीन था। कलाम के पिता का सपना था कि अब्दुल कलेक्टर बने लेकिन उस समय किसी को कहां पता था कि भारतीय इतिहास में इनका नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखी जाएगी। कलाम की लोगों के दिलों में अलग ही जगह बनी हुई है। एक महान विचारक, लेखक और वैज्ञानिक के रूप में कार्य़रत थे। आज भले ही कलाम हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनका आदर्शों भरा जीवन हर एक देशवासी को जीवन में अग्रसर रहने और सफलता की सीढ़ियों पर निरंतर चलते रहने को प्रेरित करता रहता है। उनकी यादें अमिट हैं। आइए कलाम जी के जन्मदिन पर जानते हैं उनके बारें में खास बातें-

स्टेशन पर अखबार फेकने का किया काम

एपीजे अब्दुल कलाम जी ने एक वक्त पर अखबार बेचने का काम भी किया है कलाम अपने चचेरे भाई शमसुद्दीन प्रेरित थे। शमसुद्दीन उस समय स्टेशन पर अखबार उतारने का काम करते थे। वर्ल्ड वॉर 2 के समय भारत को अलाइड फोर्सेड ज्वाइन करने के लिए कहा था। देश में इंमरजेंसी जैसी हालत बन गई थी। रामेश्वरम और धनुषकोडी स्टेशन पर ट्रेनें रुकनी बंद हो गई हैं। जहां पहले ट्रेन से अखबार उतारे जाते थे वहां अब अखबार फेंके जाने लगे उस वक्त शमसुद्दीन को एक साथी की जरुरत थी और उनके ये साथ एपी जे अब्दुल कलाम बने थे।

पद्मभूषण से किया गया सम्मानित 

भारत सरकार ने 1981 में कलाम साहब को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके बाद साल 1990 में पद्म विभूषण और साल 1997 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। भारत रत्न पाने वाले वे देश के तीसरे राष्ट्रपति हैं। इसके साथ ही एपीजे अब्दुल कलाम को 1992 से 1999 में रक्षा सलाहाकार नियुक्त किया गया था।