नई दिल्ली। कांग्रेस को एक और झटका लगा है। राहुल गांधी की टीम में अहम सदस्य माने जाने वाले गौरव वल्लभ ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। गौरव वल्लभ ने अपने इस्तीफे का कारण कांग्रेस में सनातन विरोध की स्थिति को बताया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस दिशाहीन है। गौरव वल्लभ को कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में उदयपुर से टिकट दिया था, लेकिन वो हार गए थे।
कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा.मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता.इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहाहूं pic.twitter.com/Xp9nFO80I6
— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) April 4, 2024
गौरव वल्लभ का कहना है कि वो सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को गौरव वल्लभ ने इस्तीफा भेजकर लिखा है कि दिशाहीन कांग्रेस में वो खुद को सहज नहीं पा रहे। गौरव वल्लभ ने ये भी लिखा है कि वो सुबह और शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली भी नहीं दे सकते। कांग्रेस छोड़ने पर खुद को व्यथित बताते हुए गौरव वल्लभ ने कहा है कि काफी कुछ कहना, लिखना और बताना चाहते हैं। फिर भी संस्कारों के कारण चुप हैं। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में लिका है कि अपराध का भागीदार नहीं बनना चाहता और सच को छिपाना भी अपराध है।
गौरव वल्लभ ने अपने इस्तीफे में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर कांग्रेस के रवैये से क्षुब्ध होने की बात भी कही है। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले नेता के मुताबिक जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हैं। राम मंदिर पर कांग्रेस के रुख ने उनको असहज किया। गौरव वल्लभ ने ये आरोप भी लगाया कि पार्टी और संगठन से जुड़े कई लोग उनको सनातन के खिलाफ बोलने के लिए कहते हैं। गौरव वल्लभ ने ये भी कहा कि पार्टी गलत दिशा में जा रही है। एक तरफ जाति जनगणना की बात होती है, तो दूसरी तरफ पूरे हिंदू समाज के खिलाफ कांग्रेस नजर आ रही है। उन्होंने लिखा है कि जब कांग्रेस में शामिल हुए, तो मानना था कि वहां युवा और बौद्धिक लोगों की कद्र होती है, लेकिन देखा कि कांग्रेस का अभी जो स्वरूप है, उसमें वो युवाओं से खुद का तालमेल नहीं बिठा पाती है।