आत्मनिर्भर गुजरातः आपदा को अवसर में बदलने के लिए सीएम विजय रूपाणी की पहल, एमएसएमई के लिए खोला खजाना

भारत में कोरोना संक्रमित सार्वाधिक मामले दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात में देखने को मिले। लेकिन अब गुजरात सरकार की सकारात्मक पहल की वजह से वहां स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।

Avatar Written by: June 26, 2020 6:01 pm
Vijay Rupani MSME Gujrat

नई दिल्ली/अहमदाबाद। कोरोनावायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है। इस वजह से पूरी दुनिया में लॉकडाउन की स्थिति बनी। भारत में भी यही हाल रहा। लेकिन अब धीरे-धीरे हालात सामान्य करने और लोगों का अपने काम पर लौटने का क्रम शुरू हो गया है। हालांकि यह सब कुछ बिल्कुल एहितियात के साथ किया जा रहा है। भारत में कोरोना संक्रमित सार्वाधिक मामले दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात में देखने को मिले। लेकिन अब गुजरात सरकार की सकारात्मक पहल की वजह से वहां स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।

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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित गुजरात सरकार के हर मंत्री इस विपदाकाल में तन-मन से प्रदेश की जनता की सेवा में जुटे हुए हैं। अब विजय रूपाणी सरकार राज्य में MSME सेक्टर की रफ्तार को तेज करने का काम कर रही है। ताकि बेहतर रोजगार का सृजन हो सके और आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में मदद मिल सके। गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने 13,000 से अधिक एमएसएमई इकाइयों को एक क्लिक पर ऑनलाइन 1,370 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इसके तहत पहल शुरू कर दी है।

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गांधीनगर से मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम के जरिए राज्य में एमएसएमई को समर्थन देने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीआर) के माध्यम से 13,000 एमएसएमई उद्यमियों को एक क्लिक के साथ 1,379 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान कर दी है। इन इकाइयों में कपड़ा उद्योग सहित अन्य प्रमुख उद्योग शामिल हैं।

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मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य के एमएसएमई उद्यमियों से आह्वान किया कि वे कोविड -19 के फैलने की स्थिति के बाद बदलती वैश्विक आर्थिक स्थिति का अधिकतम लाभ उठाएं और आपदा को अवसर में बदल दें। इस संदर्भ में, उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार कोविड -19 के खिलाफ “जान है-जहान है” के उद्देश्य से दैनिक जीवन की गतिविधियों, व्यापार, उद्योग, रोजगार आदि को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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राज्य के जिला मुख्यालयों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े उद्योग और व्यापार प्रतिनिधियों को प्रेरित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों, व्यवसायों को अधिक उत्पादन के साथ, पहले की तुलना में रोजगार के अवसरों में वृद्धि करके विकास को एक नई गति प्रदान करनी है इसके साथ ही बेहतर गुणवत्ता का भी ख्याल रखना है।

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विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात सरकार ने पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव डॉ हसमुख अधिया की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों का पालन करते हुए 14,000 करोड़ की आत्मनिर्भर गुजरात पैकेज की घोषणा की और इसे तुरंत अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए लागू किया गया। यहां तक ​​कि राज्य सरकार ने एक सप्ताह के भीतर ही पैकेज के लिए जीआर प्रक्रिया भी पूरी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 लाख एमएसएमई राज्य के विकास का आधार हैं जो 1.5 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत, 1.30 लाख MSME इकाइयों के ऋण-सहायता आवेदन को मंजूरी दी गई। जिसके तहत 8200 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी प्रदान की गई। जिसमें से 4,157 करोड़ रुपए की राशि गुजरात में वितरित की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में यह स्पष्ट किया कि छोटे उद्यम इस चुनौती को अवसर में बदलने में सक्षम हैं और अपने को बेहतर कर मध्यम उद्यम (एसएमई) का दर्जा पा सकते हैं। ऐसे में राज्य सरकार एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।