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PM Modi in Japan: मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा जापान, प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा- मैं मक्खन पर नहीं, पत्थऱ पर लकीर खींचता हूं

address of pm modi in japan :जापान दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे हैं। 

नई दिल्ली। जापान दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत भारत माता की जय के साथ की। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी भारत माता की जय के नारों से उनका स्वागत किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने भारत-जापान के बीच रिश्ते की प्रागढ़ता को बयां किया है। इस दौरान पीएम मोेदी जापान और भारत के रिश्ते को प्रभावित करने वाले मसलों का भी जिक्र किया।भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपकी जापान में अपने परंपराओं और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता रही है। हम लोग मातृभूमि से कभी दूरी नहीं बनने देते। भारतीय संस्कृति के साथ जापान के मूल्यों का विलय हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा कि जापान आकर मुझे हमेशा आपसे असीम प्रेम मिलता है। पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय से कहा कि इतने वर्षों तक जापान में रहने के बावजूद भी भारत के प्रति आपकी प्रतिबद्धता कभी नीरस नहीं हुई है। भारत से संदर्भित हर मुद्दे आपको प्रभावित करते हैं। यही तो हमारी विशेषता है। और यही हमारे विशेषता भी है कि हम कर्मभूमि के प्रति प्रतिबद्ध हो जाते हैं, लेकिन कर्मभूमि से भी अपने संबंधों को निर्मूल नहीं करते हैं और हमारी यह पहचान है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद का भी किया। उन्होंने कहा कि शिकागो कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले स्वामी विवेकानंद ने जापान गए थे और वे यहां से काफी प्रभावित हुए हैं। और जापान के लोगों की उनकी खूब तारीफ की थी। ध्यान रहे कि जापान में प्रधानमंत्री 40 हजार भारतीयों को संबोधित कर रहे हैं।

इस बीच प्रधानमंत्री रविंद्रनाथ टेगोर का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि जापान के संदर्भ में टेगोर ने कहा था कि जापान अपनी जड़ों से जु़ड़ने के साथ-साथ अपनी सुंदरता को भी बढ़ाता है। यह कुछ ऐसी विषय हैं, जो दोनों ही देशों की संबंधों की प्रगाढ़ता को बढ़ाते हैं।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनाकाल में जनित समस्याओं का जिक्र कर कहा कि कोरोना का जब संकट शुरू हुआ तो किसी को नहीं पता था कि इसका आगामी दिनों में कैसा असर होने जा रहा है। किसी को भी इस बता के बारे में नहीं पता था कि कब तक कोरोना की वैक्सीन आएगी। लोगों को तो इस बात पर भी शक था कि आखिर वैक्सीन आएगी भी की नहीं। लेकिन इन विषम परिस्थितियों में भी भारत ने कई देशों को वैक्सीन समेत अन्य सामग्री भेजी थी। जब टीके उपलब्ध हुए तब भारत ने मेड इन इंडिया वैक्सीन अपने करोड़ों नागरिकों को उपलब्ध कराईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं। अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हम अभूतपूर्व निवेश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब शुरू में कोरोना आया था  तो लोगों को लगा था कि ये तो वहां आया है, अभी कहीं नहीं आएगा।

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इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज की तारीख में तमाम वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत विश्व के कई देशों की मदद कर रहा है। जलवायु संकट दुनिया के सामने एक अहम संकट बन गया है। भारत में हमने इस चुनौती को देखा भी और इसके स्थायी समाधान के लिए रास्ते खोजने की दिशा में भी हम आगे बढ़े। हमने 2070 कर नेट जीरो के लिए प्रतिबद्धता जताई है। इस बीच प्रधानमंत्री ने आशाकर्मियों का भी शुक्रिया अदा किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में रह रहे प्रवासी भारतीयों को भारत की उपलब्धियों से भी अवगत कराया है।

इस बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान ने भी कई दुश्वारियों समेत प्राकृतिक विपदा का सामना किया है। लेकिन यहां गौर करने वाली बात है कि जापान के  लोगों ने हर दुश्वारियों से कुछ न कुछ नया सीखा है। अपने लिए एक सुचारू व्यवस्था भी विकसित की है। यह अपने आप में सराहनीय है। जिस पर प्रकाश डालने की आवश्यकता है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की आशा बहनों को डायरेक्टर जनरल्स- ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया है। भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत ने कोविड के दौरान अनिश्चितता का माहौल था. उस समय भी भारत ने दुनिया के देशों को दवाएं भेजीं। जब वैक्सीन उपलब्ध हुईं तब भारत ने ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन अपने करोड़ों नागरिकों को भी लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने भारत में एक मजबूत और लचीला, जिम्मेदार लोकतंत्र की पहचान बनाई है. उसको बीते 8 साल में हमने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है। आज की तारीख में भारत अपने खोए हुए आत्मविश्वास का हासिल कर रहा है। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री भारत की संस्कृति का भी जिक्र किया।… तो इस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मसलों का जिक्र कर अपने संबोधन को विराम दे दिया। बहरहाल, अब आगे चलकर पीएम मोदी का जापान दौरा क्या रुख अख्तियार करता है और यह कैसे दोनों ही देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को प्रभावित करता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम