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Congress Faces Ire: कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को कांग्रेस ने की झुठलाने की कोशिश, यूजर्स ने लगाई फटकार

19 जनवरी 1990 को जब कश्मीरी पंडितों पर हमला कर, उनकी जान लेकर पलायन करने के लिए मजबूर किया गया, तब जम्मू-कश्मीर के सीएम फारुख अब्दुल्ला थे और केंद्र के गृहमंत्री पीडीपी के चीफ मुफ्ती मोहम्मद सईद थे।

नई दिल्ली। कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को मिल रहे दर्शकों के प्यार के बीच केरल कांग्रेस को अपने एक ट्वीट की वजह से लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ गया। दरअसल, हुआ ये कि केरल कांग्रेस ने ट्वीट कर बताया कि जम्मू-कश्मीर में मारे गए पंडितों से ज्यादा तादाद मुसलमानों की रही है। केरल कांग्रेस ने लिखा कि 1990 से 2007 यानी 17 साल में आतंकी हमलों में 399 कश्मीरी पंडित ही मारे गए। इस दौरान आतंकियों के हाथ 15000 मुसलमान भी जान गंवा चुके हैं। केरल कांग्रेस ने एक और ट्वीट में लिखा कि जिस वक्त कश्मीरी पंडितों का नरसंहार और उनका पलायन हुआ, उस वक्त बीजेपी की मदद से वीपी सिंह की सरकार केंद्र में थी और जगमोहन राज्य के गवर्नर हुआ करते थे।

cong tweet

हकीकत में देखा जाए तो, केरल कांग्रेस का ये ट्वीट इतिहास को तोड़ने मरोड़ने वाला है। भले ही केंद्र में बीजेपी की मदद से वीपी सिंह की सरकार उस वक्त थी, लेकिन 19 जनवरी 1990 को जब कश्मीरी पंडितों पर हमला कर, उनकी जान लेकर पलायन करने के लिए मजबूर किया गया, तब जम्मू-कश्मीर के सीएम नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारुख अब्दुल्ला थे और केंद्र के गृहमंत्री पीडीपी के चीफ मुफ्ती मोहम्मद सईद थे। केरल कांग्रेस ट्वीट करते वक्त या तो ये इतिहास भूल गई, या जानकर इसे छिपा लिया। बस यहीं यूजर का गुस्सा फूट पड़ा।

farooq-abdullah

यूजर्स ने केरल कांग्रेस को फटकार लगाते हुए उसे इतिहास बताना शुरू किया। यूजर्स ने जवाब में हकीकत दर हकीकत लिख दी। खास बात ये कि केरल कांग्रेस का ये ट्वीट दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खत्म होने के ठीक बाद आया। यूजर्स ने केरल कांग्रेस को इस पर जमकर फटकार लगाई और आईना दिखाया। आप भी देखिए यूजर्स के रिएक्शन…