नई दिल्ली। कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को मिल रहे दर्शकों के प्यार के बीच केरल कांग्रेस को अपने एक ट्वीट की वजह से लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ गया। दरअसल, हुआ ये कि केरल कांग्रेस ने ट्वीट कर बताया कि जम्मू-कश्मीर में मारे गए पंडितों से ज्यादा तादाद मुसलमानों की रही है। केरल कांग्रेस ने लिखा कि 1990 से 2007 यानी 17 साल में आतंकी हमलों में 399 कश्मीरी पंडित ही मारे गए। इस दौरान आतंकियों के हाथ 15000 मुसलमान भी जान गंवा चुके हैं। केरल कांग्रेस ने एक और ट्वीट में लिखा कि जिस वक्त कश्मीरी पंडितों का नरसंहार और उनका पलायन हुआ, उस वक्त बीजेपी की मदद से वीपी सिंह की सरकार केंद्र में थी और जगमोहन राज्य के गवर्नर हुआ करते थे।
हकीकत में देखा जाए तो, केरल कांग्रेस का ये ट्वीट इतिहास को तोड़ने मरोड़ने वाला है। भले ही केंद्र में बीजेपी की मदद से वीपी सिंह की सरकार उस वक्त थी, लेकिन 19 जनवरी 1990 को जब कश्मीरी पंडितों पर हमला कर, उनकी जान लेकर पलायन करने के लिए मजबूर किया गया, तब जम्मू-कश्मीर के सीएम नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारुख अब्दुल्ला थे और केंद्र के गृहमंत्री पीडीपी के चीफ मुफ्ती मोहम्मद सईद थे। केरल कांग्रेस ट्वीट करते वक्त या तो ये इतिहास भूल गई, या जानकर इसे छिपा लिया। बस यहीं यूजर का गुस्सा फूट पड़ा।
यूजर्स ने केरल कांग्रेस को फटकार लगाते हुए उसे इतिहास बताना शुरू किया। यूजर्स ने जवाब में हकीकत दर हकीकत लिख दी। खास बात ये कि केरल कांग्रेस का ये ट्वीट दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खत्म होने के ठीक बाद आया। यूजर्स ने केरल कांग्रेस को इस पर जमकर फटकार लगाई और आईना दिखाया। आप भी देखिए यूजर्स के रिएक्शन…
The white-washing of history, Congress style! Any surprise the party is losing the trust of Indians? If Jagmohan was a RSS man, why did Congress make him J&K governor in 1984? Why was he made Chairman DDA & Lt Gov of Delhi by Cong in 70s & 80s? Why was Cong patronising a RSS man? https://t.co/B4SB45DF1R
— sushant sareen (@sushantsareen) March 13, 2022
— Jambo Das (@DasJambo) March 13, 2022
Usually, the stage is set way before the incident happens. So, was the Congress ruling before VP Singh? Yes, the VP Singh government is found wanting. However, the Congress party set the stage for the incident. They were watching the events leading up to the KP cleansing.
— Mystery Man (@RKadambi) March 13, 2022
When did Pandit Tikalal Taploo was killed in Srinagar. It was Sept 1989..that was the first murder of a Kashmiri Pandit.
— Jai Hanuman (@NiketanMumbai) March 13, 2022
— Anuradha Kaul (@Gaurav_ant) March 13, 2022