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West Bengal: कांग्रेस में मचा घमासान, बंगाल चुनाव में ISF के साथ गठबंधन करने पर पार्टी के दिग्गज नेता आपस में भिडे़

West Bengal Assembly elections: पश्चिम बंगाल (West Bengal) समेत 5 राज्यों की विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है।  लेकिन बंगाल चुनाव से पहले कांग्रेस में फूट लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके बाद कांग्रेस में बढ़ती अंदरूनी कलह अब धीरे-धीरे सार्वजनिक होती जा रही है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) समेत 5 राज्यों की विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है।  लेकिन बंगाल चुनाव से पहले कांग्रेस में फूट लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके बाद कांग्रेस में बढ़ती अंदरूनी कलह अब धीरे-धीरे सार्वजनिक होती जा रही है। दरअसल बंगाल चुनाव में कांग्रेस ने वामदलों और कई अन्य दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने जा रही है। लेकिन चुनाव में कांग्रेस का इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन करना पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को रास नहीं आ रहा है और वह इसका गठबंधन का खुलकर विरोध कर रहे है। इतना ही नहीं अब कांग्रेस पार्टी पर लगातार घमासान मचा हुआ है। इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने बंगाल में पार्टी द्वारा आईएसएफ के साथ गठबंधन किए जाने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने सोमवार को ट्विटर के माध्यम से पार्टी के इस गठबंधन का खुलकर विरोध किया और साथ ही पार्टी को नसीहत भी दी। वहीं अब कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने आनंद शर्मा पर पलटवार किया है। आनंद शर्मा के इन आरोपों का जवाब अधीर रंजन चौधरी ने दिया और उन्होंने इस फैसले के पीछे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की रजामंदी बताया।

Adhir Ranjan and Anand Sharma

अधीर रंजन चौधरी का आनंद शर्मा पर पलटवार

आनंद शर्मा के बयान पर पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार करते हुए एक के बाद एक कई ट्विट्स किए। अधीर रंजन ने आनंद शर्मा को टैग करते हुए ट्वीट कर लिखा, “आनंद शर्मा जी अपने तथ्यों के बारे में जानें। पश्चिम बंगाल में CPI (M) नेतृत्व वाला वाम मोर्चा धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है और कांग्रेस इसका एक अभिन्न हिस्सा है। हम भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति और निरंकुश शासन को हराने के लिए संकल्पित हैं। कांग्रेस को सीटों का पूरा हिस्सा मिला है। वाम मोर्चा नवगठित भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा को अपनी सीटों में से हिस्सा दे रहा है। सीपीएम के नेतृत्व वाले मोर्चे को आपके द्वारा ‘सांप्रदायिक’ कहा जाना केवल बीजेपी के ध्रुवीकरण के एजेंडे की सेवा करना है।”

रंजन ने शर्मा से पार्टी के लिए काम करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जो लोग भाजपा के सांप्रदायिकता की राजनीति के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, वे कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए और उसके लिए प्रचार करना चाहिए। ना कि उन्हें कांग्रेस और भाजपा के एजेंडे पर टिप्पणी करके पार्टी को कमजोर करना चाहिए। हम व्यक्तिगत तौर आरामदायक जगहों की चाह रखने वाले उन प्रतिष्ठित कांग्रेसियों के एक चुनिंदा समूह से आग्रह करेंगे कि वे प्रधानमंत्री की प्रशंसा करने में समय बर्बाद न करें। उनकी जिम्मेदारी पार्टी को मजबूत बनाने की है।”

बता दें कि इससे पहले भी आनंद शर्मा ने ट्वीट कर अपने गुस्से का इजहार करते हुए लिखा कि, ‘सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।’

anand sharma

उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।’