
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय के नेता निदान सिंह सचदेव रिहा होने के बाद भारत लौट आए हैं। निदान सिंह के साथ 11 और सिखों को स्पेशल फ्लाइट के जरिए काबुल से नई दिल्ली लाया गया है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन सभी का स्वागत किया गया। इसके साथ ही कई और सिख परिवारों की भी वतन वापसी संभव हो पाई है। इसके लिए मोदी सरकार लगातार प्रयासरत थी।
22 जून को अफगानिस्तान के पकटिया प्रांत के चमकानी जिले से तालिबानी आतंकियों ने गुरुद्वारे से उनका अपहरण कर लिया था। अफगान नागरिक निदान सिंह सचदेवा का परिवार दिल्ली में है और वह तीन महीने पहले ही अफगानिस्तान गए थे।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को निदान सिंह की रिहाई के बाद कहा था कि अफगानिस्तान में हाल ही में ‘बाहरी समर्थकों’ की शह पर आतंकवादियों द्वारा हिंदुओं और सिखों पर हमले तेज हो गये हैं तथा भारत इन समुदायों के ऐसे सदस्यों को जरूरी वीजा प्रदान कर रहा है जो यहां आना चाहते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में जो आना चाहते हैं और बसना चाहते हैं, उनके यहां पहुंचने के बाद उनके अनुरोधों की जांच की जाएगी और वर्तमान नियमों एवं नीतियों के मुताबिक कदम उठाया जाएगा।
जब उनसे पूछा गया कि भारत, अफगानिस्तान से आने को इच्छुक सिखों एंव हिंदुओं को कैसे मदद कर रहा है तथा क्या उन्हें नागरिकता देने की कोई योजना है तो श्रीवास्तव ने कहा कि अफगानिस्तान में सिख समुदाय के नेता निदान सिंह सचदेवा की पृष्ठभूमि में यह सवाल उठा है जिनका पिछले महीने पाकटिया प्रांत से अपहरण कर लिया गया था और शनिवार को उन्हें मुक्त किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में हिंदुओं और सिखों पर हमले तेज हो गये हैं और ये हमले बाहरी समर्थकों की शह पर आतंकवादियों द्वारा किये गये हैं।’’ उनका परोक्ष इशारा पाकिस्तान की ओर था।
उन्होंने कहा, हमें इन समुदायों से अनुरोध मिल रहे हैं। वे भारत आना चाहते हैं और यहां बसना चाहते हैं, कोविड-19 स्थिति के बावजूद हम उन अनुरोधों में सहयोग कर रहे हैं।