नई दिल्ली। इसी साल 26 जनवरी को किसान आंदोलन के जरिए आयोजित की गई ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के बाद अब राकेश टिकैत ने 15 अगस्त को लेकर भी अपनी जिद पकड़ ली है। बता दें कि जिस तरह 26 जनवरी के मौके पर लाल किले पर तिरंगा फहराने की जिद करने वाले राकेश टिकैत अब 15 अगस्त को भी तिरंगा फहराने को लेकर कहा है कि, चाहे कुछ भी हो जाए 15 अगस्त को झंडा तो दिल्ली में ही फहराएंगे। बता दें कि इसके पहले अपनी इसी तरह की जिद के चलते लाल किले पर हुई हिंसा से पूरा देश आहत हो चुका है। लेकिन अब 15 अगस्त को भी दिल्ली में झंडा फहराने की जिद ने पुलिस और आम नागिरकों को सचेत कर दिया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित नए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में उन्हें लगभग 8 महीने हो चुके हैं। हालांकि सरकार जहां वार्ता के लिए तैयार नजर आ रही है तो वहीं किसान संगठनों की जिद है कि किसान कानूनों को वापस कराए बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा।
वहीं संसद में चल रहे मानसून सत्र के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी तरफ से साफ कर दिया है कुछ भी हो जाए 15 अगस्त को झंडा तो दिल्ली में ही फहराएंगे। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हमें 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए दिल्ली में कोई चौराहा दे दिया जाए, हम उसी जगह पर तिरंगा फहरा लेंगे।
दिल्ली में हमें 5 गज जमीन दे दो
गौरतलब है कि, राकेश टिकैत ने कहा कि, भले ही इसके लिए हवाई मार्ग का सहारा लेना पड़े, चाहे कुछ भी हो जाए तिरंगा तो दिल्ली में ही फहराएंगे। वहीं जब टिकैत से पूछा गया कि आखिर हवाई मार्ग का क्या मतलब है तो उन्होंने कहा कि तिरंगे को ड्रोन से ले जाएंगे। दिल्ली की जमीन पर किसान का झंडा फहरेगा चाहे हवाई मार्ग से जाए। सरकार से सवाल करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि, क्या किसानों को दिल्ली में 5 गज जमीन भी नहीं मिल सकती? हमें दिल्ली में 5 गज जमीन दे दो। उन्होंने कहा कि, अक्षरधाम के समीप चौराहे पर हमें जगह दी जाए, वहां तिरंगा फहराने की हमें इजाजत मिले। वहीं जब उनसे कहा गया कि, किसान दिल्ली के बाहर भी तो तिरंगा फहरा सकते हैं तो इसपर राकेश टिकैत ने कहा नहीं किसान झंडा दिल्ली में ही फहराएंगे।
लखनऊ में करेंगे दिल्ली जैसा हाल
वहीं 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के नाम पर मचे उत्पात पर राकेश टिकैत ने कहा कि, कोई जांच एजेंसी हो तो उसकी जांच करा लें। वहां कुछ भी नहीं हुआ। बता दें कि अपनी मांगों को लेकर पिछले दिनों ही राकेश टिकैत कह चुके हैं कि दिल्ली की तरह अब लखनऊ के चारों तरफ के रास्ते सील किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि, जब तक तीनों कानून वापस नहीं होते, तब तक किसान आंदोलन वापस नहीं होगा।