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Kanpur News: सपा नेता का हत्यारा निकाला सपाई, 12 घंटे तक रहा फरार, यूपी पुलिस की जाल में ऐसे फंसा

Kanpur News: हत्या की इस खौफनाक भरी कहानी की शुरूआत उस वक्त होती है, जब समाजवादी पार्टी के युवा नेता हर्ष यादव अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहे होते हैं, लेकिन इस दौरान अपनी कार से गुजर रहा सपा नेता सुवेंद्र सिंह की एंट्री होती है।

नई दिल्ली। यह पुलिस की कामयाबी या नाकामयाबी या फिर है सियासत का खुमार। यह तो फिलहाल विवेचना का विषय है। खैर, हम आपको इस पूरे मसले से रूबरू कराते हुए यह सब कुछ बताएंगे कि आखिर इसमें कैसे पुलिस की कामयाबी, नाकामायाबी और सियासत का खुमार दिखता है, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपनी सक्रियता का परिचय देते हुए समाजवादी पार्टी के युवा नेता हर्ष यादव के हत्यारोपी शिवेंद्र सिंह को वारदात के महज 12 घंटे के दरम्यान ही गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, शिवेंद्र ने पुलिस के साथ लुक्का छुप्पी खेलने की तमाम कोशिशें की थी, लेकिन उसकी तमाम कोशिशों को धता बताकर उसे महज 12 घंटे ही अंदर ही गिरफ्तार कर लिया गया। आइए, आगे जानते हैं आखिर उसने सुवेंद्र ने अपनी ही पार्टी के युवा नेता को क्यों उतारा मौत के घाट? आखिर क्या थी इस हत्या की वजह? क्या दोनों ही नेताओं के बीच थी कोई आपसी रंजिश? जो आगे चलकर बना खूनी खेल। आइए तलाशते इन उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर।

…तो हत्या की इस खौफनाक भरी कहानी की शुरूआत उस वक्त होती है, जब समाजवादी पार्टी के युवा नेता हर्ष यादव अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहे होते हैं, लेकिन इस दौरान अपनी कार से गुजर रहा सपा नेता सुवेंद्र सिंह की एंट्री होती है। पहले तो दोनों के बीच किसी अमूक मसले को लेकर सामान्य गुफ्तगू होती है। कुछ देर तक यह गुफ्तगू सामान्य ही रहती है, लेकिन फिर देखते ही देखते यह गुफ्तगू पहले कहासुनी में तब्दील होती और बाद में यह इस कदर हिंसक हो जाती है कि सुवेंदु हर्ष को मारने पर उतारू हो जाता है। खैर, हिंसक हो चुकी अपनी मनोदशा को सुवेंदु इस विवाद के तत्काल बाद तो प्रदर्शित नहीं करता है, लेकिन जब हर्ष अपने मित्रों के साथ कार से रवाना हो चुके होते हैं, तो सुवेंदु हरिओम दुग्ध डेयरी के पास हर्ष के कार को पंचर करने लिए टायर पर फायरिंग करता है। गोलियों की तड़तड़ाहट से खौफ में आए हर्ष के तीनों दोस्त वहां भागने में सफल रहते हैं, लेकिन सुवेंदु के निशाने  पर आ चुके हर्ष भागने में नाकाम रहते हैं और इसी दौरान सुवेंद्र अपनी गोलियों से भरी पिस्तोल से हर्ष के सिर, पेट और माथे पर गोली मार देता, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो जाती है।

वहीं, हर्ष को मौत के घाट उतारने के बाद सुवेंदु वहां संकटमोचन मंदिर की तरफ फरार होने में कामयाब रहता है, लेकिन इस मसले की तफ्तीश में जुट चुकि पुलिस के बिछाए जाल में सुवेंदु का फंसना तय था। लिहाजा, वारदात के 15 घंटे के दरम्यान की सुवेंदु पुलिस के गिरफ्त आ चुका है। पूछताछ के दौरान उसे यह सारी बातें उगली है। वहीं, हालातों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पूरे इलाके में  सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। उधर, दो सपाइयों के बीच हुई खून खेल पर पार्टी का कोई  भी नेता कुछ भी कहने से बच रहा है। खैर, पुलिस जांच का सिलसिला जारी है। अब यह पूरा मामला आगे चलकर क्या रूख अख्तियार करता है। यह तो  फिलहाल आने वाला वक्त ही बत करेगा।

पुलिस की कामयाबी बनाम नाकामयाबी

प्रदेश में आए दिन हो रहे इस तरह मामले इस बात की तस्दीक करते हुए नजर आ रहे हैं कि सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी कानून को लेकर अपराधियों में खौफ पैदा नहीं हो पा रहा है। जिसका नतीजा यह होता है कि वो इस तरह के मामलों को अंजाम देने में गुरेज नहीं करते हैं। वहीं, महज 12 घंटे के अंदर पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर इस बात की तस्दीक कर दी है कि आरोपी कितना भी चतुर और चालाक क्यों न हो , लेकिन पुलिस की खाकीवर्दी के आगे उसका हर रौब बौना ही साबित होगा।