
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक में घुसपैठ कर बैठी चीन की सेना की वापसी के लिए पड़ोसी देश के सेना कमांड से भारतीय सेना के कमांडर सोमवार को फिर बैठक करने वाले हैं। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच ये 19वें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले 18 दौर की बातचीत में चीन ने डेपसांग और डेमचोक से सेना हटाने की भारत की बात मानने से लगातार इनकार किया था और इन दोनों जगह को अपने देश का हिस्सा बताया था। डेपसांग और डेमचोक में चीन की सेना ने 2013 में घुसपैठ की थी और वहां बड़ी तादाद में अपने जवान तैनात किए थे। भारत ने भी चीन की इस हरकत के बाद डेपसांग और डेमचोक में अपने जवान तैनात किए हैं।
इस बीच, खबर है कि दक्षिण अफ्रीका में होने जा रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत हो सकती है। अगर दोनों के बीच ये मीटिंग होती है, तो 4 साल बाद ऐसा मौका आएगा, जब भारत और चीन के शासनाध्यक्ष आमने-सामने होंगे। इससे पहले जी-20 की शिखर बैठक के दौरान जिनपिंग और मोदी के बीच कुछ देर की बातचीत हुई थी। अगर अब जिनपिंग और मोदी के बीच अलग से बैठक होती है, तो लद्दाख में चीन और भारत के बीच तनातनी खत्म भी हो सकती है।
चीन और भारत के बीच एलएसी को लेकर 1958 से ही तनातनी है। साल 2020 में चीन की तरफ से कई जगह घुसपैठ की कोशिश की गई। इस दौरान 5 मई को गलवान घाटी में चीन के सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष में भारतीय सेना के कर्नल बी. संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हुए थे। जबकि, चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। इसके बाद पेंगोंग सो समेत कई जगह भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं।