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Attack On Owaisi: जेड श्रेणी की सुरक्षा से इनकार, लेकिन ओवैसी को ग्लॉक पिस्टल से है प्यार

ग्लॉक पिस्टल को ऑस्ट्रिया की कंपनी बनाती है। इसकी मैगजीन में 17 कारतूस आते हैं। सेमी ऑटोमेटिक ग्लॉक पिस्टल जाम भी नहीं होती। इससे अचूक निशाना लगाया जा सकता है। ग्लॉक पिस्टल में लेजर, विजन स्कोप, लाइट जैसी तमाम चीजें लगाई जा सकती हैं।

नई दिल्ली। खुद पर हुए हमले के बाद अब एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हथियार रखने की ख्वाहिश जता रहे हैं। ओवैसी की कार पर फायरिंग हुई थी। जिसके दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ओवैसी अब कह रहे हैं कि वो सरकार से खुद के खर्चे पर बुलेट प्रूफ कार और ग्लॉक पिस्टल रखने की मंजूरी मांगेंगे। गृह मंत्रालय ने हमले के बाद असदुद्दीन ओवैसी को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का एलान किया था, लेकिन ओवैसी ने इससे इनकार कर दिया था। मीडिया से बातचीत में ओवैसी ने बताया कि चारों तरफ हथियारबंद सुरक्षाकर्मी होने से वो असहज महसूस करते हैं।

ओवैसी ने कहा है कि वो दिल्ली में बुलेट प्रूफ कार रखना चाहते हैं। साथ ही ग्लॉक पिस्टल रखने की भी मंजूरी मांगेंगे। ग्लॉक पिस्टल फिलहाल सरकार सुरक्षा बलों को ही देती है। अगर सरकार ये हथियार ओवैसी को देने से इनकार करती है, तो इस मामले में ओवैसी को फिर मोदी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल जाएगा। जेड श्रेणी की सुरक्षा के तहत ओवैसी को 20 सीआरपीएफ जवान हर वक्त मिलने थे। हर राज्य में दौरे के वक्त ये सुरक्षा उनके साथ होती, लेकिन ओवैसी ने संसद में कहा कि उन्हें मौत का डर नहीं है। जबकि, अब वो खुद हथियार और बुलेट प्रूफ कार रखने की मंजूरी मांग रहे हैं।

glock pistol

ग्लॉक पिस्टल को ऑस्ट्रिया की कंपनी बनाती है। इसकी मैगजीन में 17 कारतूस आते हैं। सेमी ऑटोमेटिक ग्लॉक पिस्टल जाम भी नहीं होती। इससे अचूक निशाना लगाया जा सकता है। ग्लॉक पिस्टल में लेजर, विजन स्कोप, लाइट जैसी तमाम चीजें लगाई जा सकती हैं। इससे ये हथियार काफी मारक बन जाता है। ये कार्बन फाइबर से बनती है। इस वजह से बहुत मजबूत भी होती है। सेना, पुलिस वगैरा को ये हथियार दिया जाता है। करीब 70 देशों में ग्लॉक पिस्टल इस्तेमाल होते हैं।