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Will Akhilesh Reward Shivpal? शिवपाल को अब तक अखिलेश यादव ने नहीं दी बड़ी जिम्मेदारी, चाचा के लिए बस ये कह रहे सपा के मुखिया

यूपी में बीते दिनों मुलायम सिंह यादव की लोकसभा सीट मैनपुरी में उपचुनाव हुआ। इसमें मुलायम की बड़ी बहू डिंपल यादव सपा उम्मीदवार के तौर पर विजयी रहीं। इस चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह अचानक सारे मतभेद भुलाकर अपने भतीजे और बहू के साथ खड़े दिखाई दिए।

मैनपुरी। यूपी में बीते दिनों मुलायम सिंह यादव की लोकसभा सीट मैनपुरी में उपचुनाव हुआ। इसमें मुलायम की बड़ी बहू डिंपल यादव सपा उम्मीदवार के तौर पर विजयी रहीं। इस चुनाव से ठीक पहले डिंपल के चचिया ससुर और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह अचानक सारे मतभेद भुलाकर अपने भतीजे और बहू के साथ खड़े दिखाई दिए। मैनपुरी में शिवपाल का साथ पाकर डिंपल को बंपर वोट मिले। शिवपाल के विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर में उनको सबसे ज्यादा वोट हासिल हुए। इसके बाद चर्चा थी कि शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश अब सपा में बड़ा ओहदा देंगे। विधानसभा में नेता विपक्षी दल भी बनाने की संभावना लोग देखने लगे थे, लेकिन अब तक न तो शिवपाल सिंह को सपा में बड़ा ओहदा मिला है और न ही विधानसभा में उनको नेता विपक्ष ही बनाया गया है।

शिवपाल यादव के भविष्य को लेकर अब चर्चा फिर शुरू हो गई है। शिवपाल लगातार कह रहे हैं कि वो अब अखिलेश के साथ हैं। शिवपाल का कहना है कि अब हम चाचा-भतीजा मिलकर यूपी में बीजेपी को 2024 और 2027 के चुनावों में कड़ी टक्कर देंगे। वहीं, अखिलेश यादव भी चाचा के गुण एक बार फिर गाने लगे हैं, लेकिन शिवपाल सिंह यादव को पार्टी में बड़ा ओहदा देने के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। शुक्रवार को मैनपुरी में अखिलेश और शिवपाल दोनों थे। मौका पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की जयंती का था। इस मौके पर भी अखिलेश ने शिवपाल का नाम लिया। वो बोले कि हमारे सामने 2024 है, 2027 है। चाचा भी साथ हैं ना।

Shivpal Singh Yadav

उधर, शिवपाल बोले कि हम सपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं के उत्पीड़न को रोकेंगे। उन्होंने मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल को जिताने के लिए लोगों का धन्यवाद भी किया। बता दें कि अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह के बीच साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जमकर विवाद हुआ था। तब अखिलेश और शिवपाल की राहें अलग हो गई थीं। शिवपाल ने प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी यानी प्रसपा भी बना ली थी। मैनपुरी उपचुनाव के बाद उन्होंने प्रसपा का सपा में विलय करने का एलान किया था।