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Akhilesh On Rahul Gandhi: राहुल गांधी की सांसदी खत्म होने से मुश्किल में कांग्रेस का विपक्षी गठबंधन ख्वाब, अखिलेश यादव ने रख दी ये शर्त

राहुल गांधी की सांसदी खत्म होने से परेशान कांग्रेस के लिए क्षेत्रीय दल भी मुश्किल बनते दिख रहे हैं। ऐसे ही क्षेत्रीय दलों में पहला रिएक्शन समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव का आया है। अखिलेश यादव ने जो कहा है, वो कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बन सकता है।

नई दिल्ली। राहुल गांधी की सांसदी खत्म होने से परेशान कांग्रेस के लिए क्षेत्रीय दल भी मुश्किल बनते दिख रहे हैं। ऐसे ही क्षेत्रीय दलों में पहला रिएक्शन समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव का आया है। अखिलेश यादव ने जो कहा है, वो कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बन सकता है। अखिलेश ने बीजेपी के खिलाफ गठबंधन के लिए शर्त रख दी है। न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ के एक कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने साफ कहा कि कांग्रेस को अब क्षेत्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि यूपी में वो चाहते हैं कि सपा को कांग्रेस और बीएसपी अपना समर्थन दें।

akhilesh yadav in tv9

अखिलेश ने कांग्रेस को याद दिलाया कि सपा ने ही केंद्र में उसकी यूपीए सरकार को चलाया था। अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सपा के समर्थन की वजह से ही कांग्रेस की सरकार न्यूक्लियर डील कर सकी थी। राहुल गांधी की सांसदी खत्म होने के बारे में उनका कहना था कि कांग्रेस ने ही कानून बनाया था और उसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। उन्होंने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी इसी तरह रद्द होने का उदाहरण देते हुए कहा कि आज जरूरत है कि बीजेपी के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं। कुल मिलाकर अखिलेश यादव अपने इंटरव्यू में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ही दिखे।

यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। अखिलेश एक बार कांग्रेस और एक बार बीएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों ही बार उनको कोई फायदा नहीं मिला। बीते दिनों कोलकाता में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि इस बार यूपी में सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी को हराएंगे। अब जबकि राहुल गांधी को सांसदी गंवानी पड़ी है, अखिलेश ने यूपी में गठबंधन के लिए खुद की पार्टी को समर्थन देने की शर्त रख दी है। इस शर्त पर अगर अखिलेश टिके रहे, तो कांग्रेस के साथ गठबंधन होना नामुमकिन ही लगता है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती पहले ही कह चुकी हैं कि वो सपा या कांग्रेस में से किसी को समर्थन नहीं देंगी और अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।