
मॉस्को। मोदी सरकार में विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज से रूस के दो दिन के दौरे पर जा रहे हैं। जयशंकर के इस दौरे पर दुनिया की निगाहें लगी हैं। दरअसल, माना ये जा रहा है कि रूस जाकर जयशंकर समझाएंगे कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को रोका जाए। भारत ने पहले भी यूक्रेन और रूस के जंग को रोकने की कई बार अपील की थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ताशकंद में एससीओ सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से साफ कहा था कि जंग से किसी का भला नहीं होने वाला। मोदी ने पुतिन को बातचीत से मसला सुलझाने के लिए कहा था। यूक्रेन पर इस साल 24 फरवरी को रूस ने हमला किया था। रूस का आरोप है कि यूक्रेन में नए नाजी हैं और ये नाटो के साथ मिलकर रूस के लिए खतरा बन रहे हैं।
रूस के दौरे में जयशंकर को विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और डिप्टी पीएम डेनिस मंटुरोव से बातचीत करनी है। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग को रुकवाने में भारत को शामिल करने की सबसे पहले पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने की थी। उन्होंने मोदी से शांति वार्ता की मेजबानी का आग्रह किया था, लेकिन रूस फिलहाल यूक्रेन को बख्शने के मूड में नहीं है। जयशंकर को मौजूदा दौर के सबसे माहिर कूटनीतिज्ञ माना जाता है। बीते कुछ महीनों में उन्होंने कई मसलों पर यूरोप और अमेरिका को खरी-खरी सुनाई भी है। उम्मीद ये है कि जयशंकर के दौरे से रूस और यूक्रेन की जंग रुक सकती है और दोनों के बीच बातचीत हो सकती है।
भारत से सभी देशों को उम्मीद इस वजह से है, क्योंकि मोदी के आग्रह पर रूस और यूक्रेन ने कई घंटों तक जंग रोकी थी। तब भारत ने अपने छात्रों और नागरिकों को निकाला था। इसके अलावा रूस को यूक्रेन के जापरोजिया परमाणु संयंत्र पर हमला न करने और यूक्रेन के बंदरगाहों से अनाज निर्यात करने की सुविधा देने के लिए भी भारत ने मनाया था। भारत और रूस की दोस्ती का दुनिया में उदाहरण दिया जाता है। बीते कुछ दिनों में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने मोदी सरकार और भारत के नागरिकों की जमकर तारीफ भी की है।