लखनऊ। विधानसभा चुनाव के बाद सपा के कुनबे में जंग तेज हो गई है। एक तरफ शिवपाल सिंह यादव अपने भतीजे और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज हैं। वहीं, कुछ नेताओं ने विधान परिषद चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों का विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है। ऐसे ही 4 नेताओं को अखिलेश यादव ने सपा से निकाल दिया है। इनमें एक पूर्व एमएलसी भी हैं। सपा से निकाले गए पूर्व एमएलसी गाजीपुर के हैं और उनका नाम कैलाश सिंह है। इनके अलावा गाजीपुर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि विजय यादव, बाबा साहेब वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव रमेश यादव और उपेंद्र यादव को भी सपा से निकाला गया है।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई है। इन सभी नेताओं पर विधान परिषद सदस्य यानी एमएलसी चुनाव में सपा के प्रत्याशी का विरोध करने का आरोप लगा था। खास बात ये कि पूर्व एमएलसी कैलाश सिंह ने तीन दिन पहले ही अपने समर्थकों के साथ सपा छोड़ने का एलान किया था। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी चंचल सिंह के समर्थन की बात भी कही थी। कैलाश ने बीडीसी, ग्राम पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर अपना दम भी दिखाया था। इसके बाद ही सपा से कैलाश सिंह को निकाल दिया गया।
पूरा मसला ये है कि गाजीपुर की एमएलसी सीट से सपा ने भोलानाथ शुक्ल को प्रत्याशी बनाया था। भोलानाथ ने बीजेपी के चंचल सिंह के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया था। इसके बाद अखिलेश यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी मदन यादव के समर्थन का एलान किया था। जिसके बाद कैलाश सिंह और सपा से निकाले गए तीन अन्य स्थानीय नेताओं ने विरोध कर बीजेपी प्रत्याशी को वोट देने का एलान कर दिया था।