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Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे हो या नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट का आज इस पर फैसला संभव

वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के कोर्ट में 4 हिंदू महिलाओं ने अर्जी देकर ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की पूजा-अर्चना की मंजूरी मांगी है। 1991 से ये पूजा-अर्चना बंद है। इसके अलावा एक अन्य अर्जी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर हिंदुओं ने दावा जताया है। इसी मामले में सर्वे का आदेश दिया गया था।

प्रयागराज। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का सर्वे हो या नहीं, इस पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर पिछले डेढ़ दिन से मुकदमे की सुनवाई कर रहे हैं। आज दोपहर 3.30 बजे से फिर सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने बुधवार को सर्वे के बारे में जानने के लिए एएसआई के अफसर को भी तलब किया था। अफसर ने उनको बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद में कोई खोदाई नहीं होगी। यहां ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार और अन्य यंत्रों से वैज्ञानिक सर्वे किया जाएगा। अफसर ने कोर्ट को ये भी बताया कि ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार और कुछ अन्य यंत्रों का सर्वे में इस्तेमाल करने के लिए आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे।

chief justice pritinker diwaker of allahabad high court

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इसके बाद आज फिर एएसआई के अफसर को कोर्ट में बुलाया है। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर के कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद की देख-रेख करने वाले अंजुमन इस्लामिया के वकील ने शक जताया था कि एएसआई के लोग खोदाई करेंगे। जिससे मस्जिद के ढांचे को गंभीर खतरा हो सकता है। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने ये सवाल भी उठाया था कि एएसआई तो पार्टी ही नहीं है। फिर उसे इस मामले में लाया कैसे जा सकता है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इस पर कोर्ट को बताया कि जांच करने वाली प्रीमियम संस्था एएसआई को पार्टी नहीं बनाया जाता है। उन्होंने अयोध्या के राम जन्मभूमि के मामले का उदाहरण भी दिया।

Gyanvapi

दरअसल, वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के कोर्ट में 4 हिंदू महिलाओं ने अर्जी देकर ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की पूजा-अर्चना की मंजूरी मांगी है। 1991 से ये पूजा-अर्चना बंद है। इसके अलावा एक अन्य अर्जी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर हिंदुओं ने दावा जताया है। इन्हीं अर्जियों के आलोक में जिला जज ने एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे करने को कहा था। जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया। जहां से मसले को सुलझाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजा गया है।