प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज दोपहर 2 बजे जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई करने वाले हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज की सुनवाई बहुत अहम हो सकती है। हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह की जगह श्रीकृष्ण जन्मभूमि होने की मांग करते हुए यहां पूजा-पाठ की मंजूरी देने की कई अर्जियां दी हैं। साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की मांग वाली याचिका भी दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट को फैसला लेना है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद-श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सर्वे कराया जाए या नहीं। पहले इस संबंध में सभी याचिकाओं पर मथुरा के कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को सुनवाई के लिए अपने पास मंगा लिया था।
हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद के बारे में दावा किया है कि वहां प्राचीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर था। जिसे उनके वंशज वज्रनाभ ने बनवाया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि प्राचीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर गिरा दिया गया और वहां शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष ने कहा है कि शाही ईदगाह मस्जिद में प्राचीन मंदिर के अवशेष अभी मौजूद हैं। ऐसे में विशेषज्ञ टीम से सर्वे कराया जाना चाहिए। इससे विवादित स्थल का धार्मिक स्वरूप भी तय किया जा सकेगा। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि हिंदू पक्ष की याचिकाएं पोषणीय नहीं हैं। यानी कोर्ट में इन पर सुनवाई नहीं हो सकती। मुस्लिम पक्ष ने इससे इनकार किया है कि प्राचीन मंदिर को तोड़कर उसकी जगह मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला भी दे रहा है।
शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद सुप्रीम कोर्ट भी जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को अधिकृत किया था। इस वक्त यूपी में कई मस्जिदों को लेकर विवाद की स्थिति है। इनमें वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, संभल की जामा मस्जिद और बदायूं की मस्जिद शामिल हैं। ज्ञानवापी मस्जिद का तो कोर्ट के आदेश से एएसआई सर्वे भी हो चुका है। जिसमें प्राचीन मंदिर के अवशेष होने की बात सामने आई थी।