नई दिल्ली। संसद में खड़े होकर नेता इधर-उधर के आंकड़े बताकर गलत तथ्य भी दे देते हैं और सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं, लेकिन हकीकत की दुनिया इससे अलग है और सोशल मीडिया के इस दौर में हर झूठ का पर्दाफाश होते देर नहीं लगती। ऐसा ही कुछ शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के साथ हो गया। पता नहीं कहां से एक गलत खबर उनको मिल गई और उन्होंने इस गलत खबर के आधार पर भारत में पोलैंड के दूतावास पर सवाल खड़े कर दिए, लेकिन पोलैंड के राजदूत ने खुद बता दिया कि प्रियंका का सवाल झूठ की चाशनी में लिपटा हुआ है।
हुआ यूं कि प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को भारत में पोलैंड के दूतावास को टैग करते हुए एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में प्रियंका ने लिखा कि पोलैंड में तमाम भारतीय छात्रों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा। उन्होंने लिखा कि जिन छात्रों को कल प्रवेश की मंजूरी मिली थी, उन्हें भी पोलैंड की सीमा में नहीं जाने दिया गया। प्रियंका ने लिखा कि इन छात्रों के माता-पिता इस वजह से काफी परेशान हैं। उन्होंने दूतावास के जरिए पोलैंड की सरकार से इस मसले पर कार्रवाई की गुजारिश भी कर दी। ये ट्वीट ही प्रियंका चतुर्वेदी की फजीहत की वजह बन गया।
प्रियंका के ट्वीट करने के कुछ देर बाद ही भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुराकोस्की ने उन्हें जवाब दिया। बुराकोस्की ने लिखा कि मैडम, आप जो कह रही हैं, वो कतई सच नहीं है। पोलैंड की सरकार ने यूक्रेन से अपनी सीमा में दाखिल होने वाले किसी को भी नहीं रोका है। पोलैंड के राजदूत ने प्रियंका को नसीहत देते हुए लिखा कि आप अपने सोर्स यानी सूत्र को दोबारा चेक कर लें। इतना ही नहीं, बुराकोस्की ने आगे लिखा, “कृपया फर्जी खबरें न फैलाएं।” दरअसल, यूक्रेन-रूस की जंग के दौरान आजकल फर्जी खबरों का भंडार हो गया है। शायद कहीं से सुनी सुनाई बात पर प्रियंका ने ट्वीट कर दिया होगा, लेकिन सांसद होने के नाते उन्हें पोलैंड जैसे भारत के दोस्त देश पर आरोप लगाने से पहले फैक्ट चेक करना चाहिए था। ऐसा न करके उन्होंने अपनी फजीहत करा ली।