नई दिल्ली। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह को घेरने में लगी कांग्रेस पर अब खुद गृहमंत्री ने पलटवार किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा इस्तीफा मांगे जाने पर शाह ने कहा, खड़गे साहब, मेरे इस्तीफे से आपकी दाल नहीं गलने वाली। अभी कम से कम 15 साल तक कांग्रेस सांसदों को वहीं बैठना है जहां वो बैठे हैं। अमित शाह ने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर वाले मेरे बयान को कांग्रेस ने तोड़ मरोड़कर आधा ही दिखाकर जनता के सामने रखा और भ्रांति फैलाने का प्रयास किया है। बीजेपी इसके लिए सभी लीगल ऑप्शन तलाशेगी।
दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “…भाजपा इसके सभी लीगल ऑप्शन भाजपा तलाशेगी। संसद और संसद के बाहर क्या लीगल एक्शन हो सकते हैं उन सभी चीज़ों को देखकर भाजपा निर्णय करेगी।” pic.twitter.com/rjeXZfM2IE
— IANS Hindi (@IANSKhabar) December 18, 2024
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि संसद और संसद के बाहर इसको लेकर क्या लीगल एक्शन लिया जा सकता हैं उन सभी चीज़ों को देखकर बीजेपी की ओर से निर्णय लिया जाएगा। इसी के साथ उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कृपया आप मेरा पूरा बयान जनता तक पहुंचाएं इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। शाह बोले, मैं उस पार्टी से आता हूं जो सपने में भी बाबा साहब आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती।
दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “…अभी 15 साल तक उन्हें(कांग्रेस) को उसी जगह पर बैठना है जहां वह अभी बैठे हैं।” pic.twitter.com/agglyk23AH
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केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष होते हैं तो दलों, वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। लेकिन एक बात समान होती है कि बात तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए। कल से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करता हूं।
Delhi: Union Home Minister Amit Shah says, “…I would have been pleased if they (Opposition) had challenged the points and facts in my speech. However, they have nothing to challenge in terms of facts. Every word of my speech is factual and proudly rooted in history. Instead,… pic.twitter.com/vgXSUP89jM
— IANS (@ians_india) December 18, 2024
जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो यह साबित हो गया कि कांग्रेस ने किस तरह बाबा साहेब आंबेडकर का विरोध किया। किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहेब की मृत्यु के बाद भी उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की। जहां तक भारत रत्न देने की बात है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद को भारत रत्न दिया है। नेहरू जी ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया, इंदिरा गांधी ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया और बाबा साहेब को 1990 में भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और बीजेपी द्वारा समर्थित सरकार थी। अंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर है।
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “…एक सर्वदलीय मंत्रिमंडल पहली देश की कैबिनेट बनी जिसमें बाबा साहेब अंबेडकर भी सदस्य थे, नेहरू जी प्रधानमंत्री थे। नेहरू जी की किताब ‘सेलेक्टेड वर्क्स ऑफ जवाहरलाल नेहरू’ में एक और उल्लेख आता है। नेहरू जी के आश्वासन के बावजूद… pic.twitter.com/krSAKO3qnf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2024
शाह बोले, नेहरू जी के आश्वासन के बावजूद भीम राव आंबेडकर को उनकी सरकार में कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया। जब तक कांग्रेस सत्ता में रही बाबा साहेब आंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना। बीजेपी की सरकारों ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बाबा साहेब के जीवन से संबंधित पंचतीर्थ का विकास किया। पीएम मोदी ने आंबेडकर जी के सम्मान में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया।