newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Anand Mohan: आनंद मोहन की रिहाई को लेकर समर्थकों के बीच खुशी का माहौल, जगह-जगह लगे शेर-ए-बिहार के पोस्टर

Anand Mohan: आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया के मामले में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उसे बाद उसे आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था। हालांकि, इस फैसले को बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बाद में न्यायसंगत बताया था।

नई दिल्ली। दीवाली आने में अभी समय है, लेकिन शायद आपको यह नहीं पता होगा कि बिहार में आनंद मोहन की रिहाई की खुशी में उनके समर्थकों ने अभी से ही दीवाली मनाने का ऐलान कर दिया है। समर्थकों ने तो यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि आज और कल आनंद मोहन की रिहाई की खुशी में हम दीवाली मनाएंगे। सहरसा में बाहुबली के समर्थक एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। सभी एक सुर से सिर्फ नीतीश कुमार का ही शुक्रिया अदा कर रहे हैं कि उन्होंने हाल ही में जेल नियमों में संशोधन करके आनंद मोहन की रिहाई को मुमकिन बनाया।

anand mohan

बता दें कि आनंद मोहन के साथ 27 अन्य आरोपियों को भी रिहा किया गया है और यह सबकुछ मुमकिन हो पाया सीएम नीतीश कुमार द्वारा अभी हाल ही में जेल नियमों में बदलाव से। वहीं अब आनंद मोहन की रिहाई के बाद बिहार में सियासी बवाल शुरू हो चुका है। इस रिहाई के बाद नीतीश सरकार को चौतरफा सवालों के बाण का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन बिहार में कुछ ऐसे नेता भी हैं, जो लगातार आनंद मोहन की रिहाई का समर्थन कर रहे हैं, जिसमें गिरिराज सिंह सहित जीतन राम मांझी शामिल हैं।

anand mohan singh

बता दें कि आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया की हत्या के आरोप मामले में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उसे आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था। हालांकि, इस फैसले को बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बाद में न्यायसंगत बताया था। वहीं, इस बीच सीएम नीतीश ने जेल नियमों में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई को मुमकिन बनाया है। उधर, दिवंगत डीएम की पत्नी और बेटी ने आनंद मोहन की रिहाई का विरोध कर सीएम नीतीश सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

वहीं, डीएम की पत्नी और बेटी ने पटना हाईकोर्ट में आनंद मोहन को मिली रिहाई के विरोध में याचिका दाखिल की है, तो ऐसे में यह कह देना कि आनंद मोहन के समक्ष मुश्किलों का अंबार टल गया है, कहना न्यायसंगत नहीं होगा। वहीं, अब इस पूरे मसले को अगर राजनीतिक चश्मे से देखें तो माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व राजपूत वोट बैंक को खुश करने के लिए आनंद मोहन को रिहाई को दी है। आइए, आगे आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।

nitish kumar with don anand mohan

गौरतलब है कि 1994 में आक्रोशित भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया की मार-मार कर हत्या कर दी थी। आनंद मोहन पर आरोप है कि उन्होंने ही उस भीड़ को उकसाया था। जिसके बाद आनंद मोहन और उनकी पत्नी सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था। फिलहाल पूरे मसले की जांच जारी है। अब आगामी दिनों में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है ।इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।