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Nationalism: गुंटूर के विवादित जिन्ना टावर को तिरंगे के रंग में रंगा गया, अब फहराया जाएगा राष्ट्रध्वज भी

अब से करीब 77 साल पहले पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के नाम पर ये टावर गुंटूर में बनाया गया था। खास बात ये भी है कि जिस रोड पर ये टावर बना है, वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर है। ऐसे में बीजेपी और तमाम लोग इस टावर को गिराने या इसका नाम बदलने की लंबे समय से मांग कर रहे थे।

गुंटूर। आंध्र प्रदेश के गुंटूर में 77 साल पहले बना जिन्ना टावर आखिरकार तिरंगे के रंग में रंग गया। इस साल 26 जनवरी को हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने यहां तिरंगा फहराना चाहा था, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। इसके बाद बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया था। बीजेपी के दबाव में आखिरकार जिन्ना टावर को तिरंगे के रंग में रंगा गया है और अब यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए एक पोल भी लगाया जाने वाला है। बीजेपी के फायरब्रांड नेता राजा सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की है।

बता दें कि अब से करीब 77 साल पहले पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के नाम पर ये टावर गुंटूर में बनाया गया था। खास बात ये भी है कि जिस रोड पर ये टावर बना है, वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर है। ऐसे में बीजेपी और तमाम लोग इस टावर को गिराने या इसका नाम बदलने की लंबे समय से मांग कर रहे थे। इस साल गणतंत्र दिवस पर यहां झंडा फहराने की तैयारी थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया। इस पर सवाल खड़े होने के बाद अब स्थानीय प्रशासन और नगर निगम ने टावर को राष्ट्रीय ध्वज के रंगों से रंगा है।

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गुंटूर पूर्व सीट से विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि विभिन्न समूहों के अनुरोध पर टावर को तिरंगे से सजाने और टावर के पास राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए एक पोल बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को जिन्ना टावर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। मुस्तफा ने मंगलवार को जीएमसी मेयर कवती मनोहर नायडू के साथ टावर का दौरा भी किया। उन्होंने ये भी कहा कि बड़े मुस्लिम नेताओं ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आजादी मिलने के बाद कुछ मुसलमान देश छोड़कर पाकिस्तान में बस गए, लेकिन हम अपने देश में भारतीय के रूप में रहना चाहते हैं और अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं।