नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें गहन पूछताछ हेतु 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। देशमुख को पीएमएलए एक्ट के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें 6 नवंबर तक हिरासत में भेज दिया गया था। हालांकि, आज उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद थी कि उन्हें न्यायिक से छूट मिल जाएगी, लेकिन आज उन्हें फिर न्यायिक हिरासत में 14 दिनों के लिए भेज दिया गया, जहां उनसे इस संदर्भ में गहन पूछताछ की जाएगी और इस मामले से जुड़े सभी पक्षों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी।
बता दें कि इससे पहले 12 घंटे की गहन पूछताछ के बाद उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी के मुताबिक, संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाने की वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया है और अभी-भी वे हिरासत में रहने के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। मालूम हो कि इससे पहले अनिल देशमुख के बेटे को भी ईडी की तरफ से पूछताछ हेतु समन भेजा गया था। इन तमाम क्रियावीधियों के बाद भी अभी तक इस मामले को कोई संतोषजनक स्थिति उभरकर सामने नहीं आई है। चलिए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं पूरा मामला।
जानिए पूरा माजरा
दरअसल, बीते दिनों महाराष्ट्र के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने गृह मंत्री रहते हुए इंसपेक्टर सचिन वाझे पर प्रति माह 100 करोड़ रूपए देने का दबाव बनाया था। इस आरोप के बाद अनिल देशमुख जांच के घेरे में आ गए जिसके बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। इस मामले को लेकर ईडी अनिल देशमुख व उनकी पुत्र से पूछताछ कर रही है। इससे पहले वे 6 नवंबर तक ईडी हिरासत में रहे थे जिसके बाद अब उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।