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Madrassa Closed: इस राज्य में नवंबर से लग जाएगा सरकारी मदरसों पर ताला, ये रही वजह

Madrassa Closed: अभी मौजूदा समय में असम(Assam) राज्य में 614 मदरसे(Madarsa) सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। वहीं प्राइवेट मदरसे 900 हैं। लगभग सभी मदरसे जमीअल उल्मा की ओर से चलाए जाते हैं।

नई दिल्ली। सरकारी मदरसों को लेकर असम राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें बंद करने का फैसला लिया है। बता दें कि असम सरकार राज्य में चलाए जा रहे सभी सरकारी मदरसों को नवंबर महीने से बंद कर देगी। असम के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि, ‘किसी भी धार्मिक शिक्षा वाले संस्थान को सरकारी फंड से संचालित नहीं किया जाएगा। हम इसका नोटिफिकेशन नंबर में जारी करने जा रहे हैं और इसे तत्काल लागू कर दिया जाएगा। हम प्राइवेट मदरसों के संचालन के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि, पब्लिक के रुपयों से धार्मिक शिक्षा देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए सरकारी मदरसे अब नहीं संचालित होंगे। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि, इस आदेश का नोटिफिकेशन अगले महीने जारी कर दिया जाएगा।

Himanata Biswa Sharma

‘स्नेहा स्पर्श’ योजना शुरुआत

गुवाहाटी में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य ने एक ‘स्नेहा स्पर्श’ योजना शुरू की है जिसके तहत राज्य सरकार 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अंग प्रत्यारोपण की लागत वहन करेगी। उन्होंने कहा कि हमने एक योजना शुरू की है, जिसके तहत जिन 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को liver transplant, kidney transplant या bone marrow transplant की आवश्यकता होती है, इन सभी सेवाओं को सरकार द्वारा नि: शुल्क प्रदान किया जाएगा।

Badaruddin ajmal

बदरुद्दीन अजमल ने क्या कहा

वहीं इस कदम पर राजनीति भी शुरू हो गई है। असम सरकार के इस बयान पर AIUDF के मुखिया और लोक सभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि अगर बीजेपी की राज्य सरकार सरकारी मदरसे बंद कर देगी तो उनकी सरकार इन्हें फिर से खोल देगी। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। उनकी पार्टी बहुमत से आई तो वे सरकार के बंद किए गए सारे मदरसे फिर से खोल देंगे।

Madarsa

 614 मदरसे सरकार द्वारा संचालित

अभी मौजूदा समय में असम राज्य में 614 मदरसे सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। वहीं प्राइवेट मदरसे 900 हैं। लगभग सभी मदरसे जमीअल उल्मा की ओर से चलाए जाते हैं। वहीं राज्य में लगभग 100 संस्कृत संस्थान सरकारी और 500 प्राइवेट हैं। हर साल सरकार मदरसों पर 3 से 4 करोड़ रुपये खर्च करती है वहीं संस्कृत संस्थानों पर हर साल लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।