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खुशखबरीः कोरोना के लिए काल बनकर आ रहा है यह वैक्सीन, निर्माण में भारत की इस कंपनी की है अहम भूमिका

जनवरी में ऑक्‍सफर्ड वैक्‍सीन ग्रुप और जेनर इंस्‍टीट्यूट ने वैक्‍सीन पर रिसर्च शुरू की थी। शुरू में 160 स्‍वस्‍थ लोगों पर टेस्‍ट हुआ। अब यह वैक्‍सीन फेज 3 में हैं। इसे आम सर्दी-जुकाम देने वाले वायरस से बनाया गया है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के लिए वैक्‍सीन खोजने में पूरी दुनिया के शोधकर्ता जुटे हैं। 120 से भी ज्‍यादा कैंडिडेट्स में कम से कम 10 वैक्‍सीन ऐसी हैं जिनका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। AZD1222 दुनिया की पहली ऐसी कोरोना वैक्‍सीन है जो फेज 3 में एंटर कर चुकी है। उसके प्रॉडक्‍शन का जिम्‍मा ब्रिटिश फार्मा कंपनी AstraZeneca पर है। AstraZeneca ने भारत में Serum Institute of India (SII) से टाईअप किया है। SII ने इस साल के अंत तक 400 मिलियन डोज तैयार करने पर हामी भरी है। यानी दुनिया की ‘सबसे अडवांस्ड’ कोरोना वैक्‍सीन का प्रॉडक्‍शन भारत में भी हो रहा है। इसके अलावा यूके, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड की फैक्ट्रियों में भी यह वैक्‍सीन तैयार की जा रही है।

AstraZeneca

AstraZeneca ने भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) के साथ करार किया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर यह कंपनी कोरोनावायरस वैक्सीन का ट्रायल कर रही है। इसके तहत वह सीरम इंस्टीट्यूट को 1 अरब डोज देगी। माना जा रहा है कि सीरम इस साल के आखिर तक 40 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। सीरम ने अमेरिका की बायोटेक फर्म Codagenix के साथ लाइव वैक्सीन के लिए भी करार किया है।

AZD1222 दुनिया की पहली ऐसी कोरोना वैक्‍सीन है जो फेज 3 में एंटर कर चुकी है। उसके प्रॉडक्‍शन का जिम्‍मा ब्रिटिश फार्मा कंपनी AstraZeneca पर है। AstraZeneca ने भारत में Serum Institute of India (SII) से टाईअप किया है। SII ने इस साल के अंत तक 400 मिलियन डोज तैयार करने पर हामी भरी है। यानी दुनिया की ‘सबसे अडवांस्ड’ कोरोना वैक्‍सीन का प्रॉडक्‍शन भारत में भी हो रहा है। इसके अलावा यूके, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड की फैक्ट्रियों में भी यह वैक्‍सीन तैयार की जा रही है।

Truenet machine Corona Test

जनवरी में ऑक्‍सफर्ड वैक्‍सीन ग्रुप और जेनर इंस्‍टीट्यूट ने वैक्‍सीन पर रिसर्च शुरू की थी। शुरू में 160 स्‍वस्‍थ लोगों पर टेस्‍ट हुआ। अब यह वैक्‍सीन फेज 3 में हैं। इसे आम सर्दी-जुकाम देने वाले वायरस से बनाया गया है। यह शरीर में स्‍पाइक प्रोटीन के प्रति इम्‍यून रेस्‍पांस पैदा करेगी और इन्‍फेक्‍शन को फैलने से रोकेगी। वैक्‍सीन का वैक्‍सीन का मास प्रॉडक्‍शन शुरू हो चुका है।

AstraZeneca

इसके साथ ही ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तथा एस्ट्रा जेनेका AstraZeneca Plc ने घोषणा की है कि वैक्सीन उत्पादन के लिए एमेरजेंट बायो सोल्यूशंस के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है। चीन ने भी अपने देश में विकसित की जा रही वैक्सीन के दो-दो टीके लगवाने की अपील की है। ये टीके सार्वजनिक कंपनियों में कर्मचारियों को लगाए जाएंगे।

वहीं AstraZeneca जैसी कंपनियों ने न्‍यूट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज दवाओं पर काम शुरू कर दिया है। AstraZeneca कंपनी के अनुसार उसे वैडरबिल्‍ड यूनिवर्सिटी से कोरोनावायरस न्‍यूट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज का लाइसेंस मिला हुआ है जिसके बाद वह इस पर काम कर रही है। AstraZeneca जैसी कंपनियों एंटीबॉडी ड्रग्स सफलता के संकेत दे रहे हैं।