नई दिल्ली। उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज स्थित कसारी- मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। भारी सुरक्षा के बीच दोनों को सुपुर्द ए खाक किया गया। कब्रिस्तान के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिसबलों को तैनात किया गया था। बिना प्रमाणपत्र के किसी को भी कब्रिस्तान के आंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई। सीमित संख्या में ही लोगों को कब्रिस्तान में जाने की इजाजत दी गई। वहीं, मौके पर मुस्तैद पुलिस ने स्पष्ट कर दिया कि सुरक्षा के दृष्टि से कम ही लोगों को कब्रिस्तान के अंदर जाने की इजाजत दी गई। इस बीच कई लोग मीडिया से शिकायत करते हुए दिखे कि उन्हें कब्रिस्तान के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।
#WATCH | UP: Mafia-turned-politician Atiq Ahmed and his brother Ashraf, who were shot dead yesterday amid police presence, buried in Prayagraj. pic.twitter.com/q2wolsGIbk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 16, 2023
वहीं, अतीक के दोनों बेटे भी बाल सुधार गृह से कब्रिस्तान अपने पिता के अंतिम दीदार के लिए पहुंचे। माफिया अतीक की दोनों बेटियां भी कब्रिस्तान पहुंची। इस बीच अतीक के कई करीबी और रिश्तेदार भी उसके अंतिम दीदार के लिए कब्रिस्तान पहुंचे। उधर, सुरक्षा की दृष्टि से काफी संख्या में कब्रिस्तान के आसपास पुलिसबलों तैनात किया गया था। जिस कसारी मसारी क्रबिस्तान में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव को दफनाया गया। वह कब्रिस्तान उसका पारिवारिक कब्रिस्तान बताया जाता है। इसी कब्रिस्तान में उसके अब्बा, अम्मी और बीते दिनों झांसी में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए उसके बेटे असद को भी दफनाया गया था। वहीं, अतीक के बगल में ही उसके भाई अशरफ को भी दफनाया गया। सुपुर्द ए खाक के मौके पर अशरफ की बेटियां भी पहुंची।
गौरतलब है कि बीते शनिवार को प्रयागराज स्थित काल्विन अस्तपाल के बाहर अतीक और अशरफ को तीन आरोपियों ने 18 राउंड फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया था। अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतारने के बाद तीनों आरोपियों ने मौके पर मौजूद पुलिस को सरेंडर कर दिया। इस बीच आरोपियों ने धार्मिक नारे भी लगाए, जिसे लेकर विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया भी आई है। वहीं, प्रयागराज जिला अदालत ने तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि तीन आरोपियों ने बड़ा माफिया बनने के इरादे से अतीक को मौत के घाट उतारा था। उधर, पुलिस पूछताछ में तीनों आरोपियों ने एक-दूसरे को पहचानने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में पुलिस इसके असली मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है। वहीं, इन आरोपियों के पास से तुर्किए के जिगाना हथियार भी बरामद किए गए हैं, जिसकी आपूर्ति भारत में बैन हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर इनके पास यह हथियार कहां से आए?
उधर, अतीक-अशरफ की हत्या के बाद पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में चूक को लेकर विपक्षी दल योगी सरकार पर हमलावर हैं। बीते शनिवार को योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। सीएम योगी की तरफ से मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया, जिसे पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। अब ऐसे में आगामी दिनों में क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, अतीक के सुपुर्द ए खाक होने के मौके उसकी पत्नी शाइस्ता के पहुंचने की खबर आई, लेकिन शाइस्ता कब्रिस्तान नहीं पहुंची थी। ऐसे में खबर है कि वो गल्फ कंट्री रवाना हो सकती है। उधर, सियासी मोर्चे पर इस पूरे मसले को लेकर आप और अन्य विपक्षी दल आमने सामने आ चुके हैं।