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Yogi Adityanath At Ayodhya : औरंगजेब के वंशज रिक्शा चला रहे, योगी आदित्यनाथ ने काशी, अयोध्या, मथुरा, संभल का जिक्र करते हुए बताई आज की हकीकत

Yogi Adityanath At Ayodhya : यूपी सीएम बोले, विकसित भारत के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। मैं बार-बार कहता हूं कि अगर विश्व मानवता को बचाना है उसका एक ही मार्ग है, सनातन धर्म का सम्मान करो। सनातन धर्म सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं, दुनिया में हर कोई सुरक्षित है। दुनिया में सनातन के सिवा कोई मत और मजहब ऐसा नहीं है जो सबके कल्याण की बात करता हो।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज पंच नारायण महायज्ञ में सम्मिलित होने के लिए अयोध्या पहुंचे। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब मैं पूछता हूं कि जिन लोगों ने मंदिर तोड़े थे उनके परिवार वालों की अब क्या स्थिति है तो मुझे हाल में किसी ने बताया कि औरंगजेब के वंशज उसके परिवारवाले आज कोलकाता के पास रिक्शा चला रहे हैं। अगर औरंगजेब ने पुण्य किए होते, सनातन का अपमान नहीं किया होता तो क्या उसके वंश की ये दुर्गति होती। उसने ईश्वर की अवमानना की थी।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, विकसित भारत के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। मैं बार-बार कहता हूं कि अगर विश्व मानवता को बचाना है उसका एक ही मार्ग है, सनातन धर्म का सम्मान करो। सनातन धर्म सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं, दुनिया में हर कोई सुरक्षित है। दुनिया में सनातन के सिवा कोई मत और मजहब ऐसा नहीं है जो सबके कल्याण की बात करता हो।

सीएम बोले, सनातन धर्म से जुड़े मानबिंदुओं को नष्ट करने वालों के पीछे की नियति उनके बर्बर कृत्यों को अंजाम देकर पूरी धरती को नर्क बनाने की साजिश का हिस्सा था। इसके तहत ही कभी काशी में विश्वनाथ मंदिर, कभी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि, कभी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोज में मां सरस्वती के पावन मंदिर को तोड़ा जाता है। इन मंदिरों को तोड़ने वालों का कुल और वंश नष्ट हुआ होगा, यही कारण है कि आज औरंगजेब के वंशज कोलकाता के पास रिक्शा चला रहे हैं।

योगी ने कहा कि जिन कारणों से देश को गुलामी की बेड़ियों को झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा था, हमारे पवित्र धर्म स्थलों को अपमानित होना पड़ा था, फिर ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए अभी से हर भारतवासी को तैयार होना होगा। याद रखना विरासत को विस्मृत करके हम भौतिक विकास को स्थायी नहीं बनाए रख सकते हैं।