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Raghuram Rajan Blames UPA Government’s Corruption For Bank NPAs : रघुराम राजन ने बैंक एनपीए के लिए यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया, मोदी सरकार को सराहा

Raghuram Rajan Blames UPA Government’s Corruption For Bank NPAs : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा, यूपीए सरकार की गलत नीतियों की वजह से ही बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज डूब गए। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की प्रशंसा करते हुए राजन ने कहा कि एनपीए की समस्या के समाधान के लिए उन्होंने मदद की थी। राजन बोले, जब मैंने जेटली को इस गंभीर समस्या से अवगत कराया तो उन्होंने मुझे फ्री हैंड दिया इसके बाद बैंक अकाउंट्स की क्लीनिंग शुरू की गई।

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) के लिए कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों को जिम्मेदार ठहराया। रघुराम राजन ने दि प्रिंट को दिए अपने इंटरव्यू में दावा किया कि यूपीए सरकार की गलत नीतियों की वजह से ही बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज डूब गए। इसी के साथ उन्होंने मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एनपीए की समस्या के समाधान के लिए मदद की थी। उन्होंने बताया कि जब मैंने जेटली को इस गंभीर समस्या से अवगत कराया तो उन्होंने मुझे फ्री हैंड दिया इसके बाद बैंक अकाउंट्स की क्लीनिंग शुरू की गई।

अरुण जेटली के साथ रघुराम राजन की फाइल फोटो

रघुराम राजन ने अगस्त 2013 में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था। इसके बाद 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बन गई थी। पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी से पहले बैंक लोन देने में जरा भी नहीं हिचकते थे। यहां तक कि वो पर्याप्त ड्यू डिलिजेंस भी नहीं करते थे। एक वक्त ऐसा भी था जब बैंकर्स आंत्रप्रेन्योर्स को लोन उपलब्ध कराने के लिए उनके पीछे पड़े रहते थे। वैश्विक मंदी के बाद  के बाद स्थिति बिगड़ गई। इतना ही नहीं यूपीए सरकार की गलत नीतियों की वजह से भी एनपीए इकट्ठा हुआ। दरअसल, भ्रष्टाचार के चलते प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन नहीं मिलती थी, पर्यावरण विभाग एनओसी नहीं देता था लिहाजा प्रोजेक्ट अटक जाते थे और इसी कारण से बैंकों का बांटा हुआ कर्ज एनपीए हो जाता था।

क्या होता है एनपीए?  

जब कोई फर्म, कंपनी या व्यक्ति बैंक से लोन लेकर उसे चुकाता नहीं है तो उस फंसी हुई रकम को एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट कहा जाता है। रिजर्व बैंक के अनुसार अगर किसी बैंक द्वारा दिए गए लोन की किस्त का भुगतान 90 दिनों तक नहीं किया जाता है, तो वह लोन एनपीए घोषित हो जाता है।