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Ayodhya: अयोध्या में आज से शुरू हो रहा है मणि पर्वत मेला, कोरोना की वजह से प्रशासन ने भक्तों के लिए रखी ये शर्त

Ayodhya: 3500 करोड़ से इस परिक्रमा पथ पर 51 पौराणिक महत्व की जगहों को जोड़ा जाएगा। घाघरा नदी पर करीब 4-4 किलोमीटर लंबे दो पुल भी बनेंगे। बताया जा रहा है कि जल्दी ही पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों परिक्रमा पथ को संवारने के काम का शिलान्यास भी कराया जाएगा। इस काम को एक साथ शुरू किया जाएगा और 2023 में रामलला का मंदिर बनने के साथ ही पूरा भी किया जाएगा।

अयोध्या। रामनगरी में आज से ऐतिहासिक मणि पर्वत मेला शुरू हो रहा है। एक महीने तक ये मेला चलेगा, लेकिन कोरोना का प्रसार रोकने के लिए अयोध्या के स्थानीय प्रशासन ने मेले में शामिल होने वाले भक्तों के लिए एक शर्त रख दी है। प्रशासन के मुताबिक मेले में स्थानीय लोगों के आने पर कोई रोक नहीं होगी, लेकिन बाहरी जिलों और दूसरे राज्यों से आने वालों को कोरोना नेगेटिव की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी। मणि पर्वत मेले में शामिल होने के ललिए तमाम श्रद्धालु बाहर से आए थे। ये मंदिरों में ठहरे थे। मंगलवार रात को प्रशासन ने मंदिरों के महंतों से बातचीत करके इन श्रद्धालुओं को वापस उनके घर भेज दिया। प्रशासन ने सरयू नदी में नहाने पर भी रोक लगाई है। इस मेले के दौरान देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को मणि पर्वत कही जाने वाली जगह ले जाकर स्नान कराया जाता था, लेकिन कोरोना के कारण अब मंदिरों में ही मूर्तियों का अभिषेक और स्नान होगा। देवी-देवताओं की मूर्तियों को मंदिर में ही झूले पर झुलाया भी जाएगा। मणि पर्वत पर इस बार दुकानें भी नहीं लगने दी जा रही हैं।

पिछले साल भी कोरोना के कारण मणि पर्वत मेला नहीं हो सका था। इस बीच, एक अच्छी खबर यह है कि 84 कोसी परिक्रमा पथ को संवारने और चौड़ा करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। वहीं, 5 जिलों का प्रशासन सड़क चौड़ी कर चार लेन का बनाने के लिए जमीनों के अधिग्रहण में भी जुट गया है। दो दिन पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस बारे में निर्देश दिए थे। 84 कोसी परिक्रमा पथ को केंद्र सरकार ने पहले ही नेशनल हाइवे घोषित कर दिया है।

करीब 3500 करोड़ से इस परिक्रमा पथ पर 51 पौराणिक महत्व की जगहों को जोड़ा जाएगा। घाघरा नदी पर करीब 4-4 किलोमीटर लंबे दो पुल भी बनेंगे। बताया जा रहा है कि जल्दी ही पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों परिक्रमा पथ को संवारने के काम का शिलान्यास भी कराया जाएगा। इस काम को एक साथ शुरू किया जाएगा और 2023 में रामलला का मंदिर बनने के साथ ही पूरा भी किया जाएगा।