newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य आज से शुरू, लोगों ने बढ़ चढ़कर दिया दान

कोरोना संकट की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के बीच अयोध्या से एक अच्छी खबर आ रही है। सोमवार से यहां राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है।

अयोध्या। कोरोना संकट की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के बीच अयोध्या से एक अच्छी खबर आ रही है। सोमवार से यहां राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इससे पहले कल राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कल 28 साल बाद रामलला के दर्शन किए। उसके बाद पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान मंदिर निर्माण कार्य आज से शुरू होने के बारें में सभी को जानकारी दी। नृत्य गोपाल दास ने कहा कि अब यहां मशीनें आती रहेंगी मंदिर का निर्माण कार्य चलता रहेगा।

28 साल बाद किए दर्शन

उन्होंने बताया कि आज रामलला को टेंट से बाहर निकालकर अस्थाई मंदिर में विराजमान होने के बाद पहली बार मैंने रामलला के दर्शन किये हैं। ये पल मेरे बेहद ही भाव विभोर करने वाला था। आज बहुत ही पवित्र दिन है। जहां राम लला विराजमान है उनके दर्शन के लिए हम लोग आए हैं। बहुत ही अच्छे से दर्शन हुए और सभी लोगों से बातचीत भी हुई।

ram mandir ayodhya

जल्द ही मंदिर निर्माण कार्य पूरा होगा

जहां रामलला प्रकट हुए हैं वहां पर सभी लोगों को आना चाहिए, दर्शन करना चाहिए। मंदिर निर्माण कार्य पर उन्होंने कहा कि जो शिला है वह तैयार हो चुकी है। जल्द ही मन्दिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा।

ram-mandir

बोकारो में हैं श्रीराम के पदचिन्ह

धार्मिक मान्यता है कि झारखंड के बोकारो और हजारीबाग में भगवान राम आए थे। इसके अलावा भी यहां के कई जगह है जहां उनके आने का साक्ष्य मिला है। चास-धनबाद मुख्य पथ करीब 10 किमी दूर पूरब दिशा में स्थित कुम्हरी पंचायत में दामोदर नदी पर बारनी घाट है। वहां वनवास के दौरान भगवान राम, पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहां से होकर गुजरे थे। वह वनवास का 12वां साल और चैत माह की 13वीं तिथि थी। रात्रि विश्राम के बाद सुबह बारनी घाट में स्नान किया था।

Ram Mandir Karyashala

इसे पकाहा दह के नाम से भी जाना जाता है।यहां पर पौराणिक पत्थर और उनकी चरण पादुका भी हैं। कसमार प्रखंड के डुमरकुदर गांव के पास श्रीराम के आने का प्रसंग है। कहा जाता है कि माता जानकी की जिद्द पर स्वर्ण मृग की तलाश में भगवान राम आए थे।

यहां कि पहाड़ी पर जिस जगह तीर चलाए थे, वहां से दूध की धारा निकल पड़ी थी, लेकिन एक चरवाहा की शरारत के कारण दूध की धारा पानी में तब्दील हो गई। यहां दो जगहों पर उनके पदचिह्न हैं।

राम मंदिर के निर्माण के लिए दान में मिले 4.60 करोड़ रुपये

वहीं देश में लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में दान से भक्त पीछे नहीं रहे हैं। यही ट्रस्ट अयोध्या की भूमि में राम मंदिर के निर्माण के लिए जिम्मेदार है। लॉकडाउन की इस अवधि में ट्रस्ट के दोनों खातों में करीब 4.60 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दाय ने कहा, “हमें विश्वास है कि मंदिर के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होगी। लोग इस प्रोजेक्ट के लिए बड़ी रकम दान में दे रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जिस मंदिर का निर्माण किया जाएगा, वह भव्यता में अतुलनीय हो।” ट्रस्ट द्वारा मार्च में अपने बैंक खातों की घोषणा की गई थी, ताकि लोग ई-बैंकिंग के माध्यम से दान देने में समर्थ रहे।

यूपीआई, आरटीजीएस प्रणाली और बैंक ट्रांसफर का उपयोग करके ट्रस्ट खातों में दान किया गया है और अब तक 5000 से अधिक लोग दान कर चुके हैं। ट्रस्ट के पास एक बचत और एक चालू खाता है, जिसमें पैसे भेजे जा सकते हैं।