
रामपुर। समाजवादी पार्टी यानी सपा में अब एक और नया मोर्चा इसके चीफ अखिलेश यादव के खिलाफ खुलता दिख रहा है। ये मोर्चा खोल रहे हैं हाल ही में जेल से निकले पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान। सूत्रों के मुताबिक आजम अब अखिलेश से खुली जंग के मूड में हैं। उन्होंने फैसला किया है कि सपा की विधानमंडल दल की बैठक में वो और उनका बेटा अब्दुल्ला शामिल नहीं होंगे। आजम खान रामपुर से विधायक हैं और अबदुल्ला ने स्वार की सीट जीती थी। सोमवार यानी कल से यूपी विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में आजम की बगावत अखिलेश यादव के लिए भारी पड़ सकती है।
इससे पहले आजम खान ने 27 महीने जेल में रहने के बाद बाहर आने पर अखिलेश यादव का नाम लिए बिना तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि कुछ मजबूरियां रही होंगी। हम भी सोचेंगे कि हमारी नीयत, वफादारी और मेहनत में कहां कमी रह गई कि हम घृणा के पात्र बन गए। आजम ने ये भी कहा था कि उनकी तबाही में अपनों का ही बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा था कि मालिक से दुआ है कि ऐसे लोगों को सद्बुद्धि आए। खास बात ये भी है कि जेल में रहते वक्त आजम ने अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह और कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम से तो मुलाकात की थी, लेकिन सपा के विधायक रविदास मेहरोत्रा से मिलने से मना कर दिया था।
शिवपाल ने भी इससे पहले आजम की ही तरह अखिलेश पर जमकर निशाने साधे थे। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यानी प्रसपा के प्रमुख शिवपाल सिंह भी मार्च के महीने में सपा के सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक में नहीं गए थे। उन्होंने कहा था कि अखिलेश ने सपा के सभी विधायकों को बुलाया, लेकिन उन्हें नहीं पूछा। बीते दिनों शिवपाल ने कहा था कि अखिलेश को बुद्धि आनी चाहिए। उन्होंने अखिलेश के लिए विनाशकाले विपरीत बुद्धि जैसे कहावत का इस्तेमाल भी किया था। शिवपाल ने कहा था कि अखिलेश ने उनका कदम-कदम पर अपमान किया, लेकिन वो हमेशा माफ करते रहे।