नई दिल्ली। जुलाई की सात तारीख को मोदी सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो पहले से मौजूद कई चेहरोंं को मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा देना पड़ा। वहीं इस्तीफा देने वालों में डॉ. हर्षवर्धन, बाबुल सुप्रियो, रमेश पोखरियाल निशंक के साथ राव साहेब दानवे पाटिल, सदानंद गौड़ा, देबोश्री चौधरी, संतोष गंगवार, संजय धोत्रे, रतन लाल कटारिया और प्रताप सारंगी जैसे नाम शामिल रहे। इसमें बाबुल सुप्रियो ने उसी दिन अपने फेसबुक अकाउंट पर इसको लेकर एक पोस्ट लिखा था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद करते हुए लिखा कि, “मैं माननीय प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे अपने मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में अपने देश की सेवा करने का सौभाग्य दिया।” हालांकि इस पोस्ट से बाबुल सुप्रियों की नाराजगी भी जाहिर हो रही थी। वही अब बाबुल सुप्रियो मंत्रिमंडल से इतने नाराज दिखाई दे रहे हैं कि उनको लेकर कहा जा रहा है कि अब वो टीएमसी में जाने की फिराक में हैं।
फिलहाल बाबुल सुप्रियो के टीएमसी या किसी भी अन्य पार्टी में जाने को लेकर किसी भी खबर की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन बाबुल सुप्रियो द्वारा की गतिविधियों से साफ जाहिर होता है कि बाबुल सुप्रियो का मन भाजपा के प्रति खिन्न है। दरअसल बाबुल सुप्रियो ने बंगाल में भाजपी की धुर कहे जाने वाली टीएमसी को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया है।
वहीं इसके अलावा बाबुल सुप्रियों ने मुकुल रॉय को भी फॉलो करना शुरू कर दिया है। बता दें कि यह सब ठीक वैसे ही हो रहा है जैसे कांग्रेस में रहकर नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी के नेताओं का बखान और उन्हें सही ठहराना शुरू किया है। ऐसे में साफ है कि बाबुल सुप्रियो का मंत्रिमंडल से बाहर होना उन्हें जरूर अखर गया है।
फिलहाल बाबुल सुप्रियो भले ही टीएमसी को फॉलो करें लेकिन बीते चुनावों पर गौर करें तो बाबुल सुप्रियों और ममता बनर्जी में जुबानी जंग चलती रही। साफ है कि बाबुल सुप्रियो और ममता बनर्जी के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे हैं। लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक उन पर और उनके समर्थकों पर बंगाल में कई बार हमले हुए थे। ऐसे में बाबुल सुप्रियो किस तरह से टीएमसी को फॉलो कर रहे हैं और क्या संदेश देना चाहते हैं, वो पार्टी आलाकमान अच्छे से समझती है।