नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के ग्राम पंचायत अमरपुर में एक हफ्ते पहले शनिवार को धूमधाम से होली का त्योहार मनाया गया। गांव के लोगों ने पूरे रीति-रिवाज से होलिका का दहन किया फिर देवल्ला में पूजा-पाठ कर के एक दूसरे को रंग-गुलाल और अबीर लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। वहीं गांव के लोग होली के गीतों पर जमकर झूमते दिखाई दिए। अमरपुर में दूसरे गांव के लोग भी होली खेलने और देखने पहुंचे थे। इस गांव में यह परंपरा बहुत सालों से चला आ रहा है। बता दें कि इसके पीछे का कारण गांव वालों का डर है। यहां ऐसी मान्यता है कि अगर हफ्ते भर पहले होली नहीं मनाई जाती है तो इस गांव में कोई न कोई अनहोनी हो जाती है। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत अमरपुर में रंगों का त्योहार होली पर्व धूमधाम से मनाया गया। गांव में किसी तरह की अनहोनी को टालने के लिअ हर वर्ष एक हफ्ते पहले होली मनाया जाता है। जबकि भारतीय कैलेंडर के अनुसार इस साल होली का त्योहार 18 मार्च को मनाया जाएगा।
कोरिया में मशहूर है ये होली
अमरपुर में एक हफ्ते पहले से ही होली खेलने की परंपरा कोरिया में प्रसिद्ध है। यहां की होली देखने और खेलने को आसपास के ग्रामीण भी अमरपुर पहुंचे है। वहीं गांव वालों ने ढोलक, मंजीरे की थाप, होली के गीतों पर जमकर झूमे और एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली खेली। ग्रामीणों का कहना है कि गांव को किसी प्रकार की अनहोनी से बचाने के लिए अमरपुर में एक हफ्ते पहले ही होली मनाई जाती है।
अनहोनी को टालने हेतु परंपरा का कर रहे निर्वाह
ग्रामीणों के अनुसार त्योहार एक सप्ताह पहले मनाने से गांव के किसी परिवार में अनहोनी व किसी प्रकार की घटना नहीं होती है। गांव के लोगों को अनहोनी से बचाने के लिए सालों से एक हफ्ता पहले होली खेली जाती है। वहीं पूर्वजों ने सालों पहले होली को पहले खलने का रिवाज बनाया है। इस कारण ग्रामीण अपने बुजुर्गों के बनाए नियम का पालन कर होली का त्योहार मनाते हैं। ग्राम पंचायत अमरपुर में सालों पहले बुजुर्गों की परंपरा को अभी भी कायम रखा गया है। ग्रामीण ने पारंपरिक ढोलक, मंजीरे की थाप के साथ होली मनाया। वहीं युवा व बच्चों ने डीजे पर झुमकर होली खेली।
ये 4 प्रमुख त्योहार भी पहले मनाते है लोग
अमरपुर के गांव वालों का कहना है कि गांव में सालों से होली, पोला, हरेली व दिवाली का त्योहार एक हफ्ता पहले मनाया जाता है। इससे गांव में किसी प्रकार की अनहोनी घटना नहीं होती है। वर्षों पहले होली के दिन एक ग्रामीण के घर में अप्रिय घटना हुई थी।
इसके बाद एक पुरोहित ने एक सप्ताह पहले होली त्योहार मनाने की सलाह दी थी और तब से लेकर आज तक इस गांव में एक सप्ताह पहले होली का त्योहार मनाया जाता है। अमरपुर में होली त्योहार मनाने ग्रामीणों की बैठक होती है और लोग आपस में सोच समझकर सबके सहमति से वर्षों की परंपरा को कायम रखते हुए होली को त्योहार मनाने का फैसला लेते हैं।