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‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र की सड़कें हेमा मालिनी के गालों जैसी’: शिवसेना नेता के बिगड़े बोल

अगर नहीं हुई तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मेरे क्षेत्र में इन सभी लोगों की तुलना में उम्दा विकास हुआ है। मेरे यहां विकास की बयार बह रही है। चलिए, नेताजी की अगर सारी बातों पर अगर मुहर लगा भी दी जाए, तो सवाल यह उठता है कि आखिर अपना विकास गिनाने के लिए उन्हें अभिनेत्री के गालों का ही सहारा क्यों लेना पड़ा।

नई दिल्ली। पता नहीं क्यों हमारे यहां के सियासतदान अभिनेत्री हेमा मालिनी के गाल के पीछे हाथ धो के पड़े रहते हैं। कभी कोई चुनाव में जनता को रिझाने के लिए हेमा मालिनी के गालों का नजीर दिया फिरता है, तो कभी कोई अपनी सफलता गिनाने के लिए। अब ऐसे सियासतदानों को अभिनेत्री के गालों में क्या मुल्क का विकास नजर आता है। क्या हर मसले का समाधन नजर आता है कि जब देखो तब हर बात की तस्दीक करने के लिए हेमा मालिनी के गाल का हवाला दे दिया जाता है। अभी कुछ दिनों पहले की ही तो बात है कि जब राजस्थान में एक मंत्री ने जनसभा को संबोधित करने के दौरान अभिनेत्री हेमा मालिनी के गालों का उदाहरण दिया था। नेताजी के इस बयान के बाद जो बवाल कटा वो तो फिलहाल अभी हम आपको इस रिपोर्ट में नहीं बता रहे हैं, बल्कि हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि इस कांग्रेस नेता के बाद अब शिवसेना नेता ने भी अपनी सफलता गिनाने के लिए हेमा मालिनी के गाल का उदारण दिया है। मंत्री ने बैठक में आत्मविश्वास की दरिया में गौता लगाते हुए अपने सभी सहयोगियों से कहा कि देखिए हमारी यहां की सड़कें हेमा मालिनी के गालों की तरह सौम्य हैं।

अगर नहीं हुई तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मेरे क्षेत्र में इन सभी लोगों की तुलना में उम्दा विकास हुआ है। मेरे यहां विकास की बयार बह रही है। चलिए, नेताजी की अगर सारी बातों पर अगर मुहर लगा भी दी जाए, तो सवाल यह उठता है कि आखिर अपना विकास गिनाने के लिए उन्हें अभिनेत्री के गालों का ही सहारा क्यों लेना पड़ा। सोचकर ही हैरानी होती है, लेकिन अब ये सवाल अहम हो चुका है। बता दें कि  महाराष्ट्र में कुछ माह बाद नगर निकाय के चुनाव होने वाले हैं। सभी दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। उसी संदर्भ में अभी बैठक हुई थी जिसमें अपने क्षेत्र का विकास का पाठ पढ़ाने के लिए नेताजी की जुबां फिसल गई और दे गए अभिनेत्री हेला मालिनी के गावों का हवाला। जाते-जाते आपको ये भी बता दें कि जिस शिवसेना नेता की जुबां फिसली है, उनका नाम गुलाबराव पाटिल है।

फिलहाल तो पाटिल साहेब की जमकर क्लास लगाई जा रही है। कोई उन्हें उनके इस बयान को लेकर घेर रहा है, तो कोई उन पर तंज कस रहा है। खैर, ये तो होना ही था, लेकिन जाते-जाते आपको ये भी बता दें कि कुछ  सालों पहले बिहार में जनता को रिझाने के लिए लालू यादव ने भी लोगों से वादा किया था कि हम बिहार की सड़कों को हेमा मालिमी के गालों की तरह कर देंगे जिसके बाद से कई राजनेता उनके इस बयान का हवाला देते हुए नजर आते हैं, लेकिन इसके साथ ही इस बात को लेकर भी सवाल उठाए जाते हैं कि क्या इन सियासी नुमाइंदों को इस बात का इल्म नहीं है कि कब क्या कहां और कैसे बोलना चाहिए। उन्हें इसकी तरबियत नहीं है कि किसी महिला पर ऐसी ओछी टिप्पणी करना उचित नहीं है। इससे हमारे समाज और विश्व पटल पर क्या संदेश जाता है। खैर, इन प्रश्नों के  उत्तर तो फिलहाल यही राजनेता दे पाएंगे जो ऐसी बयानबाजी करने का शौक पाले बैठे हैं।