newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Dainik Bhaskar: दैनिक भास्कर क्या अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा बना? इनकम टैक्स की रेड के बाद उठ रहे हैं सवाल

Dainik Bhaskar: एनडीटीवी के पत्रकार और घोषित तौर पर मोदी विरोधी रवीश कुमार इन खबरों को अपने शो में दिखाते रहे हैं। इससे भी अखबार के तौर-तरीकों पर सवाल उठ रहे थे। दैनिक भास्कर का अमेरिका के अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ से भी टाईअप है।

नई दिल्ली। इनकम टैक्स (Income Tax) ने आज तड़के 5 बजे देश के नामचीन हिंदी अखबार दैनिक भास्कर (Dainik Bhaskar) के मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में दफ्तरों पर छापा मारा। इन छापों के बाद बाद ये सवाल उठ रहा है कि क्या दैनिक भास्कर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश का भी हिस्सा बना और क्या उसके मालिकों ने मुद्रा संबंधी कानूनों का दुरुपयोग किया है? बताया ये भी जा रहा है कि ग्रुप के मालिकों का नाम बहुचर्चित घोटाले पनामा पेपर में भी आया था। दैनिक भास्कर के मालिक मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रहने वाले हैं। उनका अखबार मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान का सबसे ज्यादा बिकने वाला अखबार है। दैनिक भास्कर इसके अलावा दिल्ली से नेशनल एडिशन छापता है। बिहार से भी ये अखबार प्रकाशित होता है। इसके अलावा अखबार के मालिकों के और भी व्यवसाय हैं। इनमें पावर, खनन और रियल एस्टेट भी शामिल हैं।

Dainik Bhashkar

एनडीटीवी के पत्रकार और घोषित तौर पर मोदी विरोधी रवीश कुमार इन खबरों को अपने शो में दिखाते रहे हैं। इससे भी अखबार के तौर-तरीकों पर सवाल उठ रहे थे। दैनिक भास्कर का अमेरिका के अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ से भी टाईअप है। दोनों एक-दूसरे की खबरों को साझा करते हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान द न्यूयॉर्क टाइम्स ने मौतों को लेकर अनाप-शनाप आंकड़े और भयावह दिखने वाली तस्वीरें छापकर मोदी सरकार पर उंगली उठाई थी। जबकि, हालात विकट भले रहे हों, लेकिन उसे खूब बढ़ा-चढ़ाकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने दिखाया था।

दैनिक भास्कर के मालिकान के खिलाफ इनकम टैक्स के छापों की असली कहानी अभी सामने आनी बाकी है। फिर भी साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये छापे या तो टैक्स चोरी के आरोपों की वजह से हैं या विदेशी मुद्रा नियमन कानून यानी फेमा के उल्लंघन के मामले में हो सकते हैं। खबरें ये भी हैं कि कुछ दिन पहले ही दैनिक भास्कर के मालिकान से ईडी ने लंबी पूछताछ भी की थी।