![Bihar Politics: 12 फरवरी को नीतीश कुमार की बहुमत परीक्षा से पहले सियासत गरम, बिहार में अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने में जुटीं सभी पार्टियां](https://hindi.newsroompost.com/wp-content/uploads/2024/01/nitish-kumar-4.jpg)
पटना। बिहार में सीएम नीतीश कुमार 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने वाले हैं। इससे पहले राज्य में सियासी सरगर्मी जारी है। एक तरफ बीजेपी ने अपने विधायकों को बोध गया में प्रशिक्षण सत्र में हिस्सा लेने बुलाया है। बोध गया में ही बीजेपी के विधायक रहेंगे। वहीं, आरजेडी के नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने आज अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है। जबकि, जेडीयू से सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने अपनी पार्टी के विधायकों को भोज पर बुलाया है। सभी दलों की तरफ से ये कोशिश है कि अपने विधायकों को एकजुट रखा जाए। इससे पहले चर्चा चल रही थी कि नीतीश कुमार के बहुमत प्रस्ताव के दौरान तेजस्वी यादव खेल करेंगे और जेडीयू के 16 विधायकों को अपने पाले में लाने की वो कोशिश कर सकते हैं। कुल मिलाकर सभी पार्टियां अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने की कोशिश में जुटी हैं।
नीतीश कुमार और बीजेपी की गठबंधन सरकार को इस बीच हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा यानी हम के नेता और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने ये कहकर राहत दी है कि वो पद के भूखे नहीं हैं और पीएम नरेंद्र मोदी के ही साथ रहेंगे। इससे पहले मांझी ने एक और मंत्री पद की मांग कर दी थी और इससे लग रहा था कि वो कुछ खेला कर सकते हैं। मांझी के बारे में न्यूज चैनल आजतक ने खबर दी है कि उनको राज्यसभा भेजा जा सकता है। कुल मिलाकर नीतीश कुमार की सरकार के बहुमत से पहले हर तरह की सियासी खबरों का बाजार गरमाया हुआ है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपने विधायकों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए उनको हैदराबाद में ही रखा है। इसकी वजह वो खबरें थीं कि कांग्रेस के 10 विधायक पाला बदलकर नीतीश कुमार के साथ खड़े हो सकते हैं।
बिहार विधानसभा में सीटों का गणित भी देख लीजिए। बिहार में लालू यादव की आरजेडी के 79 विधायक हैं। वहीं, बीजेपी के विधायकों की संख्या 78 है। नीतीश कुमार की जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई-एमएल के 12, हम के 4, सीपीआई और सीपीएम के 2-2, निर्दलीय 2 और एआईएमआईएम का 1 विधायक बिहार विधानसभा में हैं। अभी बीजेपी-जेडीयू की सरकार के पास 128 विधायक हैं। जो बहुमत को पूरा करते हैं।