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Rajasthan Oath Ceremony: राजस्थान में भजनलाल शर्मा कल लेंगे सीएम पद की शपथ, पीएम मोदी समेत दिग्गज नेता होंगे शामिल

पहले बताया जा रहा था कि राजस्थान की नई बीजेपी सरकार में 10 से 12 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी, लेकिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जिस तरह बगैर मंत्रियों के शपथग्रहण हुआ उससे फिलहाल लगता है कि यहां भी मंत्रीमंडल बाद में चुना जाएगा। हालांकि, इसका पता कल ही चल पाएगा।

जयपुर। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद कल यानी शुक्रवार को अब राजस्थान में नई सरकार का शपथग्रहण समारोह होना है। भजनलाल शर्मा को सीएम पद की शपथ दिलाई जाएगी। इसके अलावा दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई जानी है। राजस्थान में नई सरकार के शपथग्रहण के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के अलावा कई राज्यों के सीएम भी शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार इस दौरान पीएम मोदी एक जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं। पहले खबर थी कि सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान की बीजेपी सरकार का शपथग्रहण होगा, लेकिन अब इसे अल्बर्ट हॉल में करने का फैसला हुआ है।

diya kumari and premchand bairwa
दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा भी राजस्थान में डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे।

पहले बताया जा रहा था कि राजस्थान की नई सरकार में 10 से 12 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी, लेकिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जिस तरह बगैर मंत्रियों के शपथग्रहण हुआ उससे फिलहाल लगता है कि यहां भी मंत्रीमंडल बाद में चुना जाएगा। सीएम भजनलाल शर्मा को अप्रत्याशित तौर पर बीजेपी ने सीएम के लिए चुना है। वो राज्य बीजेपी के महामंत्री थे। वहीं, दीया कुमारी बीजेपी की सांसद थीं और उनको पार्टी नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में उतारा था। अब सबकी नजर इस पर है कि सीएम का पद संभालने के बाद भजनलाल शर्मा राजस्थान के लिए क्या अहम फैसले लेते हैं।

rajasthan assembly

राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं। इनमें से 199 सीटों पर चुनाव कराया गया था। 1 सीट पर 5 जनवरी को चुनाव कराया जाना है। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव नहीं हो सका था। बीजेपी ने राजस्थान विधानसभा की 115 सीटों पर कब्जा जमाकर सत्तारूढ़ कांग्रेस को पटकनी दी है। इससे पहले 2018 में कांग्रेस ने 100 सीटें हासिल कर तब सत्ता पर काबिज बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाया था। कांग्रेस को उम्मीद थी कि इस बार लगातार दूसरी बार वो राजस्थान का चुनाव जीतेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राजस्थान में 1993 से ही परंपरा है कि कोई भी सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल नहीं कर पाती है।