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Big Blow To Arvind Kejriwal : अरविंद केजरीवाल पर्सनल डाक्टर से नहीं कर सकेंगे वीडियो कांफ्रेंसिंग, कोर्ट ने खारिज की याचिका

Big Blow To Arvind Kejriwal : इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल की जमानत की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 75 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल अपनी बात खुद रख सकते हैं उनको आपकी मदद की जरूरत नहीं है।

नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के संरक्षक और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को आज एक और झटका लगा है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की उनके पर्सनल डाक्टर से रोज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चिकित्सकीय सलाह की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। वहीं कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को इंसुलिन दिए जाने की मांग पर कहा कि एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड बनाया जाए, जो इस पर फैसला लेगा।

केजरीवाल ने बीते दिनों अपने मधुमेह रोग का हवाला देते हुए कोर्ट से गुजारिश की थी कि जेल में मेरा शुगर लेवल अनियंत्रित है इसके चलते मुझे रोजाना मेरे निजी चिकित्सक से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए परामर्श लेने की अनुमति दी जाए। केजरीवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में उनकी पत्नी सुनीता को भी शामिल करने की मांग की थी। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से केजरीवाल की इंसुलिन देने और उनकी डाइट को लेकर हंगामा मचा हुआ है। ईडी ने कोर्ट में कहा है कि केजरीवाल जानबूझकर जेल में आम और मिठाइयां खा रहे हैं जिससे उनकी शुगर बढ़ जाए और मेडिकल आधार पर उन्हें जमानत मिल सके। वहीं आम आदमी पार्टी की तरफ से तिहाड़ प्रशासन, ईडी और बीजेपी पर केजरीवाल के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया है।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में सीजे मनमोहन की कोर्ट में केजरीवाल की जमानत की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 75 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए कहा कि केजरीवाल अपनी बात खुद रख सकते हैं उनको आपकी मदद की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि इस याचिका को एक विधि छात्र द्वारा हम भारत के लोग नाम से दायर की गई थी। इस याचिका में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और अतीक अहमद की हिरासत में हुई हत्या का हवाला देते हुए तिहाड़ में केजरीवाल की जान को खतरा बताया गया था और उनका कार्यकाल पूरा होने तक सभी मामलों में उनको जमानत की मांग की गई थी।