नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में हाईकोर्ट से आप संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर कोई राहत नहीं दी। हालांकि कोर्ट की तरफ से केजरीवाल की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा गया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख तय की है।
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[Excise policy case]Delhi High Court refuses to pass any orders for no coercive action by ED against Delhi CM Arvind Kejriwal.
“At this stage we are not inclined to pass such an order,” the Bench said. #DelhiHighCourt #DelhiExicsePolicy @ArvindKejriwal… pic.twitter.com/tEtEjxgSt5
— Bar & Bench (@barandbench) March 21, 2024
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को कहा कि अगर अरविंद केजरीवल के खिलाफ उनके पास सबूत है तो पहले हमें दिखाएं। वहीं, हाईकोर्ट ने दोपहर 2.30 बजे तक का समय प्रवर्तन निदेशालय को दिया था और कहा है कि जो भी सबूत है वो आप हमें दिखाएं। जब सुनवाई फिर एक बार शुरू हुई तो ईडी के अधिकारी फाइलें लेकर जज के चैंबर में पहुंचे। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि आपको केजरीवाल को गिरफ्तार करने से किसने रोका है, आप बार-बार समन क्यों जारी कर रहे हैं। इस सवाल के जवाब में ईडी ने कहा कि हमने कभी भी नहीं कहा कि हम केजरीवाल को गिरफ्तार करेंगे, हम बस पूछताछ के लिए बुला रहे हैं।
दरअसल दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में ईडी केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है जिसके लिए जांच एजेंसी द्वारा दिल्ली सीएम को एक के बाद एक कई समन भेजे जा चुके हैं। कई समन के बावजूद केजरीवाल अभी तक एक बार भी ईडी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए हैं। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं को आशंका है कि ईडी समन देकर केजरीवाल को पूछताछ के बहाने से बुलाकर गिरफ्तार करना चाहती है इसीलिए केजरीवाल ने हाईकोर्ट के समक्ष ये अपील की थी कि उन्हें ईडी के समक्ष पेश होने से कोई समस्या नहीं है लेकिन ईडी को ये गारंटी देनी होगी कि वो गिरफ्तारी नहीं करेगी। इसी संबंध में केजरीवाल द्वारा गिरफ्तारी पर रोक की मांग के चलते हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिस पर उनको राहत नहीं मिली।