नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। लेकिन चुनाव से पहले सतारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए बुरी खबर आई है। दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने पार्टी को झटका दिया है और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। नेताम ने AICC को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे देने की वजह भी बताई। विधानसभा चुनाव से पहले उनका इस्तीफा पार्टी के लिए झटके से कम नहीं है। उन्होंने इस्तीफे देने के लिए विश्व आदिवासी दिवस का दिन चुना। बता दें कि अरविंद नेताम सर्व आदिवासी समाज पार्टी से जुड़े हैं और चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया है। जिस पर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था जिसका जवाब अरविंद नेताम दिया भी था।
कांग्रेस को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, 5 साल से तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आहवान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया। परंतु प्रदेश नेतृत्व के असहयोग रवैये के कारण मुझे निराशा हुई। प्रदेश नेतृत्व राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डा.अंबेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम करने तथा पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जगंल, जमीन में ग्रामसभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है। इस प्रकार से आदिवासी विरोधी सरकार है। आगे उन्होंने लिखा, मैं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं।
कौन हैं अरविंद नेताम-
बता दें कि कांग्रेस पार्टी को झटका देने वाले अरविंद नेताम इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री रहे। मालिक मकबूजा कांड के बाद साल 1996 में कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि 1998 में उन्होंने दोबारा कांग्रेस में वापसी की। लेकिन 2012 में एनडीए के राष्ट्रपति प्रत्याशी पीए संगामा का समर्थन किया था जून 2012 में फिर कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित किया। इसके बाद नेताम संगामा की पार्टी NPP में शामिल हो गए थे। वो रांकपा, बसपा और भाजपा के साथ भी जुड़े। साल 2017 में जय छत्तीसगढ़ पार्टी का गठन किया।