newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Prabhunath Singh: RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को तगड़ा झटका, डबल मर्डर केस में दोषी करार, SC ने पलटा HC का फैसला

Prabhunath Singh: प्रभुनाथ सिंह अभी हत्या मामले में हजारीबाग स्थिति जेल में बंद हैं। उन पर 1995 में मरसख के विधायक अशोक सिंह की हत्या का आरोप लगा था। दरअसल, अशोक सिंह ने प्रभुनाथ को चुनाव में हरा दिया था, जिससे खफा होने के बाद प्रभुनाथ उन्हें उनके घर जाकर मौत के घाट उतार दिया।

नई दिल्ली। आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को डबल मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दरअसल, बीते दिनों पटना हाईकोर्ट ने इसी मामले में सबूतों के अभाव में उन्हें रिहा कर दिया था, लेकिन बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां पर आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ना महज निचली अदालत का फैसला बदलते हुए आरजेडी नेता को झटका दिया, बल्कि बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी से इस संदर्भ में जवाब भी तलब किया। बहरहाल, अब देखना होगा कि आगामी दिनों में इस मामले में डीजीपी और मुख्य सचिव का क्या जवाब रहता है? इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आगामी 1 सितंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। फिलहाल वह मर्डर केस मामले में हजारीबाग जेल में सजा काट रहे हैं। आइए, आगे कि रिपोर्ट में जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा माजरा? जिसमें आरजेडी के पूर्व सांसद को दोषी करार दिया गया है।

जानें पूरा माजरा

दरअसल, प्रभुनाथ सिंह पर 47 वर्षीय दरोगा राय और 18 वर्षीय राजेंद्र राय की हत्या का आरोप है। प्रभुनाथ पर आरोप है कि उन्होंने 1995 में मरसख के एक मतदान केंद्र के पास दोनों की हत्या कर दी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों मतदाताओं ने प्रभुनाथ द्वारा कहे गए उम्मीदवारों को वोट नहीं दिया था, जिससे गुस्साए प्रभुनाथ ने दोनों को मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा, जहां से प्रभुनाथ को रिहा कर दिया गया, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई पर रोक लगाते हुए उन्हें दोषी करार दिया। आइए, आगे आपको बताते हैं कि इस पूरे मामले में विधिक मोर्चे पर क्या कुछ हुआ?

supreme court

मामले में अब तक क्या-क्या हुआ ?

बता दें कि गवाहों के धमकाने के आरोप लगने के बाद मामले को छपरा से पटना ट्रांसफर कर दिया गया था। जहां मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद सबूतों के अभाव में प्रभुनाथ को बरी कर दिया गया था। दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने छपरा जिला अदालत द्वारा दिए गए फैसले को सही ठहराया था। इसके बाद मृतक के भाई ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एएस ओक और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने उन्हें रिहा कर दिया। बहरहाल, अब उन्हें इस मामले में क्या कुछ सजा सुनाई जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले जरा ये जान लेते हैं कि आखिर प्रभुनाथ अभी कहां हैं और क्या कर रहे हैं?

अभी कहां हैं प्रभुनाथ सिंह?

प्रभुनाथ सिंह अभी हत्या मामले में हजारीबाग स्थित जेल में बंद हैं। उन पर 1995 में मरसख के विधायक अशोक सिंह की हत्या का आरोप लगा था। दरअसल, अशोक सिंह ने प्रभुनाथ को चुनाव में हरा दिया था, जिससे खफा होने के बाद प्रभुनाथ ने उन्हें उनके घर जाकर मौत के घाट उतार दिया। बता दें कि इस मामले में उन्हें साल 2017 में दोषी करार दिया गया था। आइए, आगे जानते हैं कि विधिक मोर्चे पर उनकी गतिविधियां कैसी रही?

कैसी रही उनकी राजनीतिक गतिविधियां

वहीं, अगर उनकी राजनीतिक गतिविधियों की बात करें, तो शुरुआत में वो आनंद मोहन के साथ थे, जिसके बाद वो नीतीश कुमार के साथ आ गए। इसके बाद वो 2010 में वो लालू यादव के साथ आए, लेकिन उसे उनका दुर्भाग्य ही कहेंगे कि आज तक उन्हें राजनीतिक मोर्चे पर कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं हुई।