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One Nation, One Election: ‘एक देश एक चुनाव’ पर बड़ी खबर, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के घर होगी कमेटी की पहली बैठक

One Nation, One Election: सूत्रों के मुताबिक कमेटी की इसी बैठक में चर्चा इस बात पर हो सकती है कि 2018 में लॉ कमिशन की रिपोर्ट थी। उसमें क्या कहा गया था। इसके बाद तमाम सियासी दल का क्या रुख रहा है और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की दिशा में आगे बढ़ना है। उस पर कैसे आम सहमति बनने की जरूरत है किस तरह से संविधान में बदलाव होगा। इन तमाम पहलुओं पर चर्चा शुरू हो सकती है। 

नई दिल्ली। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक आज दोपहर करीब 3 बजे कमेटी के पहली बैठक हो सकती है। ये बैठक पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के घर पर हो सकती है। बताया ये भी जा रहा है कि इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हो सकते है। बता दें कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर मोदी सरकार ने एक कमेटी गठित की है जिसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ को बनाया है। कमेटी की इस औपचारिक बैठक में बाकी सदस्य भी शामिल होंगे। कमेटी के सदस्यों में गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, हरीश साल्वे, सुभाष कश्यप और संजय कोठारी के शामिल होने की संभावनाएं है। हालांकि कमेटी की पहली बैठक में कांग्रेस का शामिल होने का रुख साफ नहीं है। कांग्रेस ने इस पर विरोध का रुख अपना रखा है। ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस कमेटी में शामिल होने से इंकार कर दिया था। अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी थी।

सूत्रों के मुताबिक कमेटी की इसी बैठक में चर्चा इस बात पर हो सकती है कि 2018 में लॉ कमिशन की रिपोर्ट थी। उसमें क्या कहा गया था। इसके बाद तमाम सियासी दल का क्या रुख रहा है और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की दिशा में आगे बढ़ना है। उस पर कैसे आम सहमति बनने की जरूरत है किस तरह से संविधान में बदलाव होगा। इन तमाम पहलुओं पर चर्चा शुरू हो सकती है।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ ऐसा मुद्दा है जिसको लेकर विपक्ष आज विरोध में सुर उठा रहा है। यहां तक कि जब लॉ कमिशन के सामने ये मामला गया था। उस वक्त भी कई विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था। लेकिन अब जब केंद्र सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर कमेटी गठित कर दी है। जिसका मकसद यही है कि इस पर विस्तृत चर्चा हो। बता दें कि केंद्र ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर कहा था कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने से हजारों-करोड़ों रुपये की बचत होगी। पीएम मोदी खुद ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ कराए जाने की बात कह चुके है।