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Uttar Pradesh : रामनवमी पर जल उठे बिहार-बंगाल, पर यूपी में लोग बोले, ‘ऑल इज वैल’ काम कर गया योगी सरकार का मास्टर प्लान

Uttar Pradesh : योगी सरकार ने पहले ही सख्ती के साथ कहा था कि अगर एक भी पत्थर रामनवमी के जुलुस पर चला तो बुलडोजर चलने में देर नहीं लगेगी। जितने भी असामाजिक तत्व होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसी के चलते प्रदेश में इस बार हजारों की संख्या में जुलुस निकाले गए, लेकिन किसी तरह की हिंसा की कोई खबरें सामने नहीं आई हैं। सही मायनों में उत्तर प्रदेश में बिना किसी सांप्रदायिक तनाव के रामनवमी मनाई गई। इसको लेकर खुद प्रदेश सरकार ने एहतियात और सतर्कता बरती। किसी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए इस बार योगी सरकार की उत्तर प्रदेश पुलिस ने सख्ती से इंतजाम किए हुए थे। पुलिस महकमा पूरी तरह से चक चौबंद था। योगी सरकार के सख्त निर्देश थे कि जहां से भी ऐसी की घटना की खबर आए उसपर तुरंत एक्शन लिया जाए और दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाए।

लखनऊ। हर साल रामनवमी पर ये हम लोग ये सुनते आए हैं, कि इस साल हर वर्ष की तरह रामनवमी का त्यौहार हर्षोल्लाष और शांतिपूर्वक मनाया गया। लेकिन इस साल ये शांति पत्थरबाजी, हिंसा, आगजनी, तबाही और सांप्रदायिक उन्माद में तब्दील हो गई। देश के कई हिस्सों में रामनवमी को जो हिंसा भड़की उसकी आग अभी तक शांत नहीं हो सकी है। 2 संप्रदायों के बीच गुस्से और विद्वेष का ऐसा गुबार उठा कि उसमें उस बंगाल में और महाराष्ट्र में 2 लोगो की मौत हो गई। बिहार में तो हालात इतने खराब हो गए कि सरकार को कर्फ्यू लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा, इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांगे भी उठी। इसको लेकर सियासत देशभर में हो रही है, लेकिन निर्दोष लोग भी इस उन्माद की आग में झुलस गए हैं, उनको लेकर ना बिहार सरकार में कुछ खास हुआ ना बंगाल में। लेकिन एक राज्य जहां सबसे ज्यादा सांप्रदायिकता की आग लगा करती थी वो इस बार शांति का प्रतीक बना हुआ है। सबसे ज्यादा सांप्रदायिक राज्य में एक पत्ता तक नहीं हिला।

पत्थर चला तो समझो बुलडोजर चला

हम बात कर रहे हैं, योगी सरकार में उत्तर प्रदेश की। योगी सरकार ने पहले ही सख्ती के साथ कहा था कि अगर एक भी पत्थर रामनवमी के जुलुस पर चला तो बुलडोजर चलने में देर नहीं लगेगी। जितने भी असामाजिक तत्व होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसी के चलते प्रदेश में इस बार हजारों की संख्या में जुलुस निकाले गए, लेकिन किसी तरह की हिंसा की कोई खबरें सामने नहीं आई हैं। सही मायनों में उत्तर प्रदेश में बिना किसी सांप्रदायिक तनाव के रामनवमी मनाई गई। इसको लेकर खुद प्रदेश सरकार ने एहतियात और सतर्कता बरती। किसी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए इस बार योगी सरकार की उत्तर प्रदेश पुलिस ने सख्ती से इंतजाम किए हुए थे। पुलिस महकमा पूरी तरह से चक चौबंद था। योगी सरकार के सख्त निर्देश थे कि जहां से भी ऐसी की घटना की खबर आए उसपर तुरंत एक्शन लिया जाए और दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाए।

आइए समझते हैं कि आखिर क्या वो कारण हैं जिनके चलते जब बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र जलते रहे तब उत्तर प्रदेश में शांति बनी रही

  • किसी नई परंपरा को लागू ना करने की नीति

जब उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक प्रशांत कुमार से इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश में त्यौहार में किसी नई परंपरा को लागू करने की अनुमति नहीं दी गई थी, माने…जो भी त्यौहार सदियों से जैसे मनाया जाता रहा है इस बार भी उसको ठीक वैसे ही मनाया जाएगा, किसी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए ये बेहद जरूरी कदम है, फिर चाहे वो रामनवमी की बात हो या फिर मोहर्रम की बात हो।

  • धार्मिक नेताओं से बातचीत और निर्देश

इसके आलावा प्रशांत कुमार ने बातचीत के दौरान ये भी कहा कि किसी भी त्यौहार से पहले हम ये प्रयास करते हैं कि सभी धार्मिक नेताओं से बातचीत करके उन्हें ये निर्देश दिया जाए कि वो सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने में सहयोग करें। अगर कुछ भी गलत हुआ तो उसके लिए उनको जिम्मेदार मानते हुए उनपर गंभीर कार्रवाई की जाएगी।

  • दोनों सांप्रदायों के प्रबुद्ध लोगों को शामिल करना

इसके आलावा प्रशांत कुमार ने बताया कि जब किसी मंदिर या मस्जिद के सामने से कोई जुलुस निकाला जाता है तो दोनों संप्रदायों के प्रबुद्ध लोगों को उसमें शामिल किया जाता है। अगर कोई ऐसा पारंपरिक रास्ता है जो या मस्जिद और मंदिर के सामने से गुजरता है तो इस सूरत में शांति समिति की बैठक में इसको लेकर साफ निर्देश दिए जाते हैं। जब रामनवमी का जुलुस मस्जिद के सामने से गुजरे तो मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध लोग उसमें शामिल हों, जिससे हालात अगर बिगड़ने की संभावना हो तो उसे काम किया जा सके और हर हाल में शांति बनी रह सके।

  • गलत कार्य पर कड़ी कार्रवाई का संदेश

यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि योगी सरकार में बीते कुछ वर्षों के दौरान ऐसे धार्मिक उन्माद फ़ैलाने वाले लोगों या अनर्गल बयानबाजी करने वालों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाकर चलाकर जब कार्रवाई को अंजाम दिया गया, तो साफ़ तौर पर ये संदेश गया कि अगर किसी भी तरह से सामाजिक माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया तो योगी सरकार छोड़ेगी नहीं। वहीं इसके विपरीत रामनवमी के दिन जब बिहार और बंगाल में जुलुस के दौरान पत्थरबाजी और नारेबाजी की गई तो बिहार पुलिस उतनी एक्टिव नजर नहीं आई, यही कारण है कि आज ये दोनों राज्य हिंसा की आग में जल रहे हैं और उत्तर प्रदेश में अमन और शांति का माहौल है।

बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में बीते कुछ वर्षों के दौरान तुष्टिकरण की राजनीति अपने चरम पर रही है, इसके आलावा सार्वजनिक मंचो से बंगाल और बिहार जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों का सार्वजानिक मंच से बयानबाजी करना भी इस हिंसा का एक बड़ा कारण बना है। इसी के चलते दोनों ही राज्यों में कानून व्यवस्था की साख आज दांव पर लगी है। लेकिन योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने इस दिशा में बेहतरीन कार्य किया है।