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Nitish Kumar: नीतीश कुमार की ‘INDIA’ गठबंधन की बैठक को ‘NO’, ममता-अखिलेश पहले ही शामिल होने से कर चुके इंकार

Bihar CM Nitish Kumar will not attend the alliance meeting: हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल होने खुद क्यों नहीं जा रहे है। ये जरूर है कि कांग्रेस की हार के बाद और नीतीश कुमार इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि राज्य में जाति के आधार जनगणना हुई। उसके बाद जो आरक्षण दिया गया था उस आरक्षण के बारे में राहुल गांधी ने एक भी बार जिक्र नहीं किया था, इसके अलावा बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है। ऐसे में कांग्रेस को बैकफुट में लाने के लिए रणनीति चल रही है। 

नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन से जुड़ी एक अहम खबर सामने आ रही है। एक तरफ जहां तीन राज्यों में भाजपा के प्रचंड जीत ने इंडिया गठबंधन की टेंशन बढ़ी दी है। वहीं इस गठबंधन में शामिल दल लगातार कांग्रेस को झटका दे रही है। दरअसल नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 6 दिसंबर को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है। लेकिन इस बैठक से एक के बाद एक बड़े नेता दूरी बनाते दिख रहे है। खबर है कि अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संजय झा उनकी जगह इस बैठक में शामिल होंगे। वहीं आरजेडी की तरफ से इस बैठक में आरजेडी प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव हिस्सा लेंगे।

हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल होने खुद क्यों नहीं जा रहे है। ये जरूर है कि कांग्रेस की हार के बाद और नीतीश कुमार इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि राज्य में जाति के आधार जनगणना हुई। उसके बाद जो आरक्षण दिया गया था उस आरक्षण के बारे में राहुल गांधी ने एक भी बार जिक्र नहीं किया था, इसके अलावा बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है। ऐसे में कांग्रेस को बैकफुट में लाने के लिए रणनीति चल रही है।

india alliance leaders 1

बता दें कि इससे पहले टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया था। ममता बनर्जी ने कहा था कि उनके इस मीटिंग के बारे में नहीं पता है। इसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी इस बैठक में शामिल नहीं हो जा रहे है। उनकी जगह पर रामगोपाल यादव सपा की तरफ से शामिल होंगे।

हाल ही में 4 राज्यों के आए नतीजों के बाद विपक्षी दलों के नेता ना सिर्फ कांग्रेस को कटघरे में खड़े कर रही है, बल्कि विपक्षी दलों से गठबंधन नहीं करने का इस हार की वजह भी करार दे रही है।