पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा का परचम लहराने की जिम्मेदारी लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बिहार के अरवल पहुंचे। अरवल में उन्होंने बिहार चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता पार्टी(RJD) पर जमकर प्रहार किया। लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। सबसे पहला काम किया- गरीबों का खाता जन-धन खाता खोलने का। हर घार को शौचालय दिया। गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को घर दिया। गरीब के घर में रसोई गैस दिया। गरीबों को निश्शुल्क बिजली देने का। नेशनल पोर्टिबिलिटी के माध्यम से राशन कार्ड को देशभर में एक ही राशन कार्ड से राशन की सुविधा दिया। हर गरीब को पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा दिया। किसानों को छह हजार रुपये सालाना किसान सम्मान निधि में दिया। कांग्रेस, राजद व भाकपा माले से पूछिए, उन्होंने गरीबों के लिए क्या किया।
सीएम योगी ने कहा कि, “एक तरफ विकास की योजनाओं को लेकर कार्य करने वाली सरकार और दूसरी तरफ जाति,भाषा,क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वाली पार्टी। हम लोग सबका साथ, सबके विकास की बात करते हैं वो लोग देश के संसाधनों पर एक मज़हब विशेष के अधिकार की बात करते हैं।ये मानसिकता देश को विघटन की ओर ले जाती है।”
मोदी सरकार द्वारा दिए लाभ गिनाए
भाजपा के स्टार प्रचारकों में शुमार सीएम योगी ने कहा कि, प्रधानमंत्री जी और नीतीश जी के नेतृत्व में कोरोना काल में सभी गरीबों को मुफ्त में राशन की सुविधा मिलनी प्रारंभ हुई।अगर RJD की सरकार होती तो क्या मुफ्त में राशन मिलता? उन्होंने कहा कि, बिहार में कांग्रेस और राजद दोनों ने शासन किया। इनसे पूछना चाहिए कि इन्होंने कितने गरीबों के मकान बनाए, बिजली दी, रसोई गैस दी, आयुष्मान भारत में स्वस्थ्य बीमा की कोई योजना दी। अगर ये लाभ किसी ने दिए हैं तो नरेंद्र मोदी जी ने दिया है।
परिवार ही पार्टी है
सीएम योगी ने कहा कि, “ये काम लालू जी का परिवार भी कर सकता था क्योंकि वो पार्टी नहीं परिवार है। कांग्रेस भी एक परिवार के बाहर नहीं निकल सकती और राजद भी एक परिवार से बाहर नहीं निकल सकती। उनके लिए परिवार ही पार्टी है और पार्टी ही बिहार है, इसके अलावा कुछ नहीं है।”
नक्सलवाद कांग्रेस की देन
उन्होने कहा कि, “याद कीजिए, नीतीश के पहले बिहार कैसा था। नौजवानों के सामने पहचान का संकट था। जातीय संघर्ष करा एक परिवार पूरी व्यवस्था पर हावी होने की कोशिश कर रहा था। नक्सलवाद चरम पर था। कांग्रेस भी देश को जाति व भाषा के आधार पर लड़ाकर एक परिवार का प्रभुत्व चाहता था। नक्सलवाद और अलगाववाद की समस्याएं कांग्रेेस की देन हैं।”