नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है। एनआईए के मुताबिक प्रतिबंध लगने के बाद पीएफआई के लोगों ने टारगेट किलिंग की योजना बनाई थी। एनआईए ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज थाने में 5 अन्य पीएफआई सदस्यों पर केस दर्ज कराया है। ये केस रियाज मारूफ उर्फ बब्लू और कादिर अंसारी समेत अन्य आरोपियों पर दर्ज कराया गया है। कादिर अंसारी मुजफ्फरपुर के परसौनी का निवासी है। जबकि, मो. इरशाद, रियाज मारूफ, याकूब खान उर्फ सुलतान और मो. अफरोज पूर्वी चंपारण जिले के हैं। सभी पर युवकों को आतंकी बनाने का आरोप लगाया गया है।
एनआईए के मुताबिक टारगेट किलिंग में महत्वपूर्ण लोगों को निशाना बनाने की तैयारी थी। पीएफआई के बिहार मॉड्यूल के खुलासे और कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद टारगेट किलिंग का खुलासा हुआ है। एनआईए सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी को इस बारे में पुख्ता सबूत मिले हैं। एनआईए सूत्रों के मुताबिक टारगेट किलिंग करने की साजिश रचने वाला पीएफआई के बिहार मॉड्यूल का याकूब है। याकूब अभी जांच एजेंसी के हत्थे नहीं चढ़ा है। उसकी तलाश तेजी से की जा रही है। जांच में पता चला है कि चकिया इलाके में रहने वाला याकूब पिछले करीब डेढ़ साल से सशस्त्र ट्रेनिंग दे रहा था। पीएफआई पर बैन लगने के बाद उसने ट्रेनिंग बंद कर टारगेट किलिंग की साजिश रची।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक सबूत मिले हैं कि पीएफआई के याकूब और अन्य लोगों ने टारगेट किलिंग के लिए महत्वपूर्ण लोगों की बाकायदा लिस्ट बनाई। हत्या के लिए हथियार जुटाए। इससे पहले याकूब और उसके साथियों ने बिहार में फुलवारी शरीफ, बेतिया, दरभंगा, मोतीहारी, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, मधुबनी और बिहार शरीफ में सशस्त्र ट्रेनिंग कैंप लगाए थे। फिलहाल 6 हाई प्रोफाइल लोगों की हत्या करने का इनका इरादा था। ऐसे हमले कर देश का माहौल बिगाड़ने की साजिश रची गई थी। बिहार में इस गुट के 3 आरोपियों को एनआईए ने अब तक गिरफ्तार किया है।