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BJP Morcha In-Charge: लोकसभा चुनाव के लिए मिशन मोड में बीजेपी, अपने अलग-अलग मोर्चा के लिए इन नेताओं को बनाया प्रभारी

BJP Morcha In-Charge: बीजेपी के बारे में कहा जाता है कि वो हमेशा चुनाव के मोड में रहती है। भारत में लगातार चुनाव होते ही रहते हैं। ऐसे में बीजेपी हर विधानसभा या लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुटी रहती है। एक बार फिर बीजेपी ने अपने बारे में कही जाने वाली इस बात को हकीकत का जामा पहनाया है।

नई दिल्ली। बीजेपी के बारे में कहा जाता है कि वो हमेशा चुनाव के मोड में रहती है। भारत में लगातार चुनाव होते ही रहते हैं। ऐसे में बीजेपी हर विधानसभा या लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुटी रहती है। एक बार फिर बीजेपी ने अपने बारे में कही जाने वाली इस बात को हकीकत का जामा पहनाया है। उसने अपने तमाम मोर्चा के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की है। यूपी में साल 2017 में बीजेपी की जीत का खाका खींचने वाले सुनील बंसल को युवा मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है। वहीं, बंडी संजय कुमार को किसान मोर्चा के प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। बैजयंत जय पांडा को महिला मोर्चा प्रभारी बनाया गया है। जबकि, तरुण चुघ को एससी मोर्चा का प्रभार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिया है।

बीजेपी ने सुनील बंसल को युवा मोर्चा का प्रभारी बनाया है।

गोरखपुर से बीजेपी के राज्यसभा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल को एसटी मोर्चा के प्रभारी का पद पार्टी ने सौंपा है। वहीं, दुष्यंत कुमार गौतम को बीजेपी ने अपने अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रभारी बनाया है। वहीं, विनोद तावड़े को बीजेपी अध्यक्ष ने ओबीसी मोर्चा का प्रभार सौंपा है। लोकसभा चुनाव होने में करीब 3 महीने का वक्त रह गया है। इससे ठीक पहले अपने अलग-अलग मोर्चा का प्रभार नामी नेताओं को देकर बीजेपी ने अपने पक्ष में वोटरों को खींचने की तैयारी की है। सुनील बंसल को रणनीति बनाने में महारथी माना जाता है। उनके जिम्मे युवा वोटरों को बीजेपी के पाले में खींचने का जिम्मा है। वहीं, बंडी संजय कुमार जैसे फायरब्रांड और खरी-खरी बोलने वाले नेता को किसानों को बीजेपी के पाले में लाने की जिम्मेदारी के तहत किसान मोर्चा प्रभारी बनाया गया है।

पीएम मोदी ने बीते दिनों मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे अल्पसंख्यक महिलाओं से राखी बंधवाएं और इस समुदाय तक बीजेपी की बातों को पहुंचाएं। इसी के तहत अब दुष्यंत कुमार गौतम को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है। राधा मोहन दास अग्रवाल को एसटी मोर्चा का प्रभारी बनाने की वजह ये मानी जा रही है कि जिस गोरखपुर से वो आते हैं, उसके आसपास के इलाकों में आदिवासी समुदाय के तमाम लोग रहते हैं। अब देखना ये है कि बीजेपी के ये मोर्चा प्रभारी लोकसभा चुनावों में पार्टी को किस तरह अलग-अलग समुदायों के वोटों का फायदा दिलाने के लिए क्या रणनीति बनाते हैं।