
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विपक्ष को जोरदार झटका लगा है। कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में गिरफ्तारी, जब्ती समेत सभी अधिकार जो प्रवर्तन निदेशालय (ED)को मिले हुए है उन्हें मान्यता दे दी है। दरअसल, अभी तक सवाल विपक्ष द्वारा सवाल उठा जा रहे थे कि जांच एजेंसी के अधिकारी पूछताछ के लिए किसी को भी बुला लेते है और गिरफ्तार कर लेते है। इसके अलावा बुलाने तक को लेकर सवाल उठाए जाते है। कोर्ट ने इसको मान्यता दे दी है। यानी की ईडी को शक्तियां पहले से मिली है वो बरकरार रहेगी। बता दें कि ईडी ने हालिया समय में इस कानून के तहत बड़े-बड़े नामों को अपने शिकंजे में लिया। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम भी शामिल है। ज्ञात हो कि विपक्षी दल मोदी सरकार को केंद्र एजेंसियां का दुरुपयोग करने का लगातार आरोप लगाती रहती है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। स्वामी ने अपने ट्वीट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर तंज कसा है। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, ”PMLA पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पीसी और नेताओं आदि के लिए ऐसा है, जैसे “चिकन खुद घर पकने” आया है। चिदंबरम ने यूपीए के कार्यकाल के दौरान ईडी को शक्तियां बढ़ाई थी।”
SC judgment on PMLA is a case of “Chickens coming home to roost” for PC, BC, etc..The ED was empowered by PC during UPA tenure.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 27, 2022
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और सांसद कार्ति चिदंबरम और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख समेत तमाम लोगों ने गिरफ्तारी और जब्ती के खिलाफ 242 अर्जियां लगाई थीं। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की विशेष बेंच ने इसपर सुनवाई की। अर्जियों में धन शोधन एक्ट के तमाम प्रावधानों को चुनौती दी गई थी।
मोदी सरकार ने इस एक्ट में ये सारे प्रावधान किए थे। अर्जियों में तलाशी, गिरफ्तारी, जब्ती, जांच और कुर्की के ईडी के अधिकारों को चुनौती देते हुए इन्हें मौलिक अधिकारों का हनन बताया गया था।