नई दिल्ली। कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। शहर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े दो मंदिरों को खुलवाया। मेयर ने आरोप लगाया कि 1992 के दंगों के बाद इन मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था। जब मंदिर खोले गए तो एक मंदिर में शिवलिंग गायब मिला और दूसरे में छोटा कारखाना चलता हुआ पाया गया।
पुलिस और नगर निगम की टीम के साथ पहुंची मेयर
थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र में मेयर प्रमिला पांडेय अपने पूरे दल-बल और नगर निगम की टीम के साथ पहुंचीं। उन्होंने मौके पर दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंदिरों पर हुए अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए। इसके साथ ही नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर सफाई अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। मेयर ने कहा, “मुझे कुरान का भी ज्ञान है, जिसमें साफ लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नहीं करना चाहिए। मंदिरों की सफाई और संरक्षण का काम लगातार जारी रहेगा।”
लुधौरा में मन्दिर का निरीक्षण किया…इस दौरान एक मन्दिर में मूर्तियॉ गायब थी, जबकि दूसरे मन्दिर में फैक्टरी चल रही थी.. हैरानी की बात यह है कि कुछ साल पहले सारे मन्दिरों मे पूजा इत्यादि होती थी..अब इन सारे मंदिरों का रंग रोगन होगा और कब्जे हटेंगे… pic.twitter.com/6HGgcjK1ke
— Pramila Pandey ( मोदी का परिवार) (@mayorkanpur) December 23, 2024
एडीसीपी सेंट्रल का बयान
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इस कार्रवाई में पुलिस प्रशासन पूरी तत्परता से जुटेगा।
अयोध्या में भी 32 साल बाद खोला गया शिव मंदिर
कानपुर की घटना के साथ ही अयोध्या से भी एक बड़ी खबर आई है। कोतवाली थाना क्षेत्र के मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में बंद पड़े एक शिव मंदिर को 32 साल बाद दोबारा खोला गया। यह मंदिर 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद से बंद था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा का आयोजन किया गया, जो शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा-अर्चना की।